बाबू लाल मरांडी ने हेमंत सरकार से वापस लिया समर्थन, हेमंत सरकार पर क्या पड़ेगा असर ?

झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) ने हेमंत सोरेन सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की है। झाविमो ने पार्टी विधायक दल के नेता प्रदीप यादव को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है। शुक्रवार को झाविमो महासचिव सरोज सिंह ने यह जानकारी दी। हालांकि झाविमो की समर्थन वापसी से हेमंत सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

गौरतलब है कि झाविमो के तीन विधायकों ने बिना शर्त सरकार को समर्थन की चिट्ठी राज्यपाल को सौंपी थी। झाविमो ने आरोप लगाया कि पार्टी हेमंत सरकार को अपना समर्थन दे रही थी। इसी बीच यूपीए महागठबंधन की घटक दल कांग्रेस झाविमो के विधायकों को तोड़ रही है और उन्हें दल में शामिल करा रही है। यह उचित नहीं है। पार्टी ने निर्णय लिया है कि हेमंत सरकार से समर्थन वापस लेंगे। इसके अलावा प्रदीप यादव विधायक दल के नेता पद से मुक्त कर दिए गए हैं। इसकी आधिकारिक सूचना विधानसभा सचिवालय को भी दे दी गई है।

भाजपा में विलय का रास्ता साफ

दो विधायकों को बाहर निकालने के बाद अब झाविमो का भाजपा में विलय का रास्ता साफ हो गया है। विधायक बंधु तिर्की और प्रदीप यादव संगठन का भाजपा में विलय का विरोध कर रहे थे। दोनों संगठन से बाहर किए जा चुके हैं और ऐसे में झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी को भाजपा में पार्टी के विलय में दिक्कत नहीं आएगी। उन्होंने मन मुताबिक नई कमेटी भी गठित कर ली है। जानकारी के अनुसार जल्द ही वे झाविमो की नवगठित कमेटी की बैठक बुलाकर संगठन के भाजपा में विलय की घोषणा करेंगे।