महिलाओं के आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण से बिहार सरकार नहीं करेगी समझौता, हरजोत कौर के द्वारा की गई टिप्पणी नहीं है उचित- नीतीश कुमार

दिनांक 27.09.2022 को आयोजित “सशक्त बेटी समृद्ध बिहार विषयक कार्यशाला के संदर्भ में हरजोत कौर बम्हारा अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, महिला एवं बाल विकास निगम द्वारा की गयी कथित टिप्पणियों पर मुख्यमंत्री, बिहार के द्वारा संज्ञान लिया गया है तथा इस संपूर्ण प्रकरण की उच्च स्तरीय समीक्षा की गई है।

हरजोत कौर बम्हारा, अध्यक्ष -सह- प्रबंध निदेशक, महिला एवं बाल विकास निगम द्वारा उपरोक्त वक्तव्य में अभिव्यक्त की गयी टिप्पणियाँ राज्य सरकार की दृष्टि में उचित नहीं है। इस घटना पर हरजोत कौर बम्हारा द्वारा अपनी भूल स्वीकारते हुए लिखित रूप में खेद भी व्यक्त किया गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि उनक उद्देश्य किसी को नीचा दिखाना या भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था, बल्कि
बालिकाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना था।
बिहार सरकार बालिकाओं के सर्वांगीण विकास हेतु कृत संकल्पित है। सरकार द्वारा बालिकाओं के सशक्तिकरण हेतु अनेक योजनाएँ चलाई जा रही हैं।

मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत बालिकाओं की माहवारी स्वच्छता (menstrual hygiene) सुनिश्चित करने एवं छीजन दर को रोकने के लिए कक्षा 07 से 12 में पढ़ रही बालिकाओं को सेनेटरी नैपकीन हेतु प्रति वर्ष रू0 300 की राशि DBT के माध्यम से उनके खाते में उपलब्ध करायी जाती है। विगत वर्ष 2021-22 में 40,67,450 (चालीस लाख सड़सठ हजार चार सौ पचास) बालिकाओं को इस योजना से लाभांवित किया गया है। राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में बालक एवं बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालयों की व्यवस्था की गई है। को

मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना के अंतर्गत कक्षा 9 में नामांकित बालिकाओं को रु० 3000/- प्रति बालिका की दर से राशि उपलब्ध करायी जाती है। इसी प्रकार सभी बालिकाओं को पढाई के प्रति प्रोत्साहित करने हेतु छात्रवृति भी प्रदान की जाती है। कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों के माध्यम से भी बालिकाओं को आवासीय सुविधा के साथ गुणवतापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है।

बाल लिंगानुपात में गिरावट तथा जीवनचक्र की सततता में महिला तथा लडकियों के सशक्तिकरण हेतु बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं योजना क्रियान्वित की जा रही है। महिला हेल्पलाईन के तहत हिंसा से प्रभावित महिलाओं को 24 घंटे विभिन्न हितधारकों की सेवा उपलब्ध करायी जा रही है। निर्धन परिवार की महिलाओं को विवाह के समय आर्थिक सहायता प्रदान करने, विवाह के निबंधन हेतु प्रोत्साहित करने तथा बाल विवाह को रोकने हेतु मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना संचालित की जा रही है सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना अंतर्गत महिला अभ्यर्थियों को यू०पी०एस०सी एवं बी० पी०एस०सी० की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत मुख्य परीक्षा तथा इंटरव्यू की तैयारी करने हेतु प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना अंतर्गत बालिकाओं के संरक्षण, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं स्वावलंबन हेतु कन्या शिशु के जन्म पर 2000रू , कन्या शिशु के 01 वर्ष पूर्ण होने पर रू0 1000, 02 वर्ष की आयु पूरी होने तथा टीकाकरण पूर्ण होने पर रू० 2000 की राशि प्रदान की जाती है। साथ ही पोशाक के लिए वर्ग 01 से 02 में रू0 600, वर्ग 03 से 05 में रू0 700 वर्ग 06 से 08 में रू0 1000 वर्ग 09 से 12 में प्रति वर्ष रू0 500 की राशि प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त इंटरमीडियट उत्तीर्ण होने पर अविवाहित कन्या को एकमुश्त रू0 25000 और स्नातक उत्तीर्ण होने पर विवाहित या अविवाहित कन्या को रू0 50000 की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। इस प्रकार कन्या के जन्म से लेकर स्नातक तक की शिक्षा ग्रहण करने तक विभिन्न स्तरों पर कुल रू0 94,100/- की राशि उपलब्ध करायी जाती है। राज्य सरकार महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण हेतु सतत प्रयत्नशील है।