अयोध्या के संत जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने चंद्रशेखर की जीभ काटकर लाने वाले को 10 करोड़ का इनाम का विवादित एलान किया है। मंत्रिमंडल से हटाने कहा है। दूसरी ओर चंद्रेशखर ने इस एलान के बाद भी अपनी बात पर कायम रहने की घोषणा कर दी। इधर, बिहार में भाजपा ने हिंदू आस्था को लेकर प्रो. चंद्रशेखर के साथ ही राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है। पहले राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने भगवान श्रीराम को लेकर ढेर सारी विवादित बातें कहते हुए रामचरित मानस में आस्था रखने की बात कही थी और अब राजद कोटे से राज्य के शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे प्रो. चंद्रशेखर ने रामचरित मानस को लेकर ही विवादित बातें कह दीं। विवादित बयानों ने बिहार में इतनी गरमी ला दी कि इस ठंड में समाधान यात्रा पर निकले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसपर ‘नो कमेंट’ के मोड में जाना पड़ रहा है।
जगदानंद ने कहा था- कण-कण से निकल राम पत्थरों में कैद हो रहे है…
राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने पिछले दिनों अयोध्या के श्रीराम मंदिर पर पूछे गए सवाल के जवाब में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को चार बातें सुनाने के चक्कर में यह तक कह दिया था कि भारत के कण-कण में रहने वाले राम अब पत्थरों की चारदीवारी में कैद होने जा रहे हैं।
चंद्रशेखर ने कहा मैन कुछ गलत नहीं कहा…
बुधवार के उनके बयान पर जब राजनीति गरम हुई और जीभ काटने पर इनाम का एलान हो गया तो उन्होंने गुरुवार को दो कदम आगे बढ़कर कहा कि किसी को दे दो, कोई तो अमीर हो जाएगा। हम बयान पर कायम हैं। गलत नहीं कहा है।
हर बयान पर नजर रखने वाले सीएम से सवाल पर बोले-नो कमेंट!
आमतौर पर बिहार के मुख्यमंत्री अपने राज्य, इसकी राजनीति और बयानों पर पूरा ध्यान देते रहते हैं। जिस भी कार्यक्रम में जाते हैं तो पत्रकारों से बात करते समय बयानों से संबंधित सवालों का जवाब भी देते हैं। जिसमें खुद नहीं बोलते, उसमें जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का बयान आ जाता है। राजद कोटे के हटाए गए मंत्री सुधाकर सिंह के हमलों पर यह दिख रहा है। लेकिन, इस बार भाजपा की राजनीति से जुड़े विषय राम और रामचरितमानस पर वह राजद के बयान का न तो प्रतिकार कर रहे, न समर्थन। बीच का रास्ता अपनाते हुए गुरुवार दोपहर उन्होंने कहा- इस बारे में पता नहीं है। मतलब, नो कमेंट!
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