किस्मत से वह 16 बच्चे बच गए… सारे पश्चिम बंगाल के हैं.. बिहार के रास्ते पंजाब ले जाए जा रहे थे…कर्मभूमि एक्सप्रेस में मानव तस्करी का मामला सामने आया…

दूसरे राज्यों से आवाजाही करने वाली ट्रेनों में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) और राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) तस्करी कर ले जाए जा रहे सामानों की मुजफ्फरपुर जंक्शन पर ट्रेनों की सघन जांच कर रही थी तो कर्मभूमि एक्सप्रेस में मानव तस्करी का मामला सामने आ गया। सहमे बच्चों ने पांच मानव तस्करों की ओर इशारा किया। RPF और GRP जवानों ने सख्ती से पूछताछ की तो पूरा मामला न केवल खुला, बल्कि सामने आया कि पश्चिम बंगाल में ऑपरेट हो रहा मानव तस्करों के गिरोह में बिहार के भी कई शातिर हैं।

जिंदगी बेहतर बनाने का लालच देकर ले जा रहे थे तस्कर…

पश्चिम बंगाल के रहने वाले बच्चों को न्यू जलपाईगुड़ी से अमृतसर जाने वाली कर्मभूमि एक्सप्रेस से उतारा गया। मानव तस्करों का यह गिरोह इन बच्चों को अलग-अलग तरीके से फांसकर ले जा रहा था। किसी को अच्छी जिंदगी तो किसी को पैसे का लालच और किसी को बाकी बच्चों का भरोसा दिखाकर ले जाया जा रहा था। रेल थानेदार दिनेश कुमार साहू ने बताया कि मुजफ्फरपुर जंक्शन पर आरपीएफ एवं जीआरपी के संयुक्त चेकिंग के दौरान गाड़ी संख्या 12407 कर्मभूमि एक्सप्रेस प्लेटफार्म संख्या दो पर आकर खड़ी हुई। चेकिंग के दौरान गाड़ी की जनरल बोगी में कुछ बच्चे सहमे हुए दिखाई दिए। बच्चों ने पांच लोगों की तरफ इशारा किया। संदेह के आधार पर पांचों को हिरासत में लिया गया। बच्चों ने पुलिस फोर्स को बताया कि उन्हें काम दिलाने के झांसे में ले जाया जा रहा था। इस आधार पर पांचों तस्करों को गिरफ्तार किया गया। 16 बालकों को सुरक्षित रखने हेतु रेलवे चाइल्ड हेल्पलाइन के सुपुर्द किया गया है।

कटिहार, खगड़िया और मधुबनी का है एक-एक शातिर…

मानव तस्करों के इस गिरोह में पश्चिम बंगाल और बिहार के लोग हैं। बंगाल निवासी 34 साल का रेनू सिन्हा और 35 वर्षीय इन्कारू सिंह (दोनों का पता ग्राम- कंडलबारी तुंगी दिगी, उत्तरी दिनाजपुर, पश्चिम बंगाल) गिरफ्तार हुए। इनके अलावा तीन बिहार के हैं और तीनों की उम्र 26 साल ही है। इनकी पहचान मोहम्मद फारुख (ग्राम- धीमनगर, थाना- कोढ़ा, जिला- कटिहार),  हीरालाल सदा (ग्राम-लड़ही, वार्ड- 1, थाना- अलौली, जिला- खगड़िया) और मिथिलेश कुमार यादव (ग्राम- रवही वार्ड 8, थाना-अंदरामठ, जिला- मधुबनी) के रूप में हुई है।