
उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि शरद यादव जैसे समाजवादी नेता बार-बार जन्म नहीं लेते हैं और उनकी जगह भी कोई नहीं ले सकता है। शरद यादव जी हाल के दिनों में देश की राजनीति में एक केंद्र बन गए थे। आज उनके जाने के बाद वह केंद्र ही समाप्त हो गया है। उपेन्द्र कुशवाहा कहते हैं कि शरद जी जीवन भर वंचितों शोषितों और दबे कुचले लोगों के हक के लिए आवाज उठाते रहे हैं। लेकिन, आज जब उनका अंत हुआ वो बेहद दुखद है। निधन के पहले उनकी जो मानसिक हालत थी वो बेहद दुखद थी।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि शरद यादव ने संघर्ष के दौरान जिन लोगों को बनाया, शरद जी के वजह से जो लोग राष्ट्रीय स्तर के बड़े-बड़े पद पर गए। वैसे लोगों ने शरद जी के अंत समय में उनसे बात करना तक छोड़ दिया था। उपेंद्र कुशवाह के इस संदेश के बाद लोग इसके सियासी मायने भी निकालने लगे हैं। लोग पूछने लगे हैं कि उपेंद्र कुशवाहा किन नेताओं की तरफ इशारा कर रहे हैं।
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि जब शरद जी से उनकी मुलाकात हुई तो वे अपना दुख प्रकट करते हुए कहते थे कि लोग उनका हाल चाल तक नहीं लेते है, कोई खबर नहीं लेता है। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि शरद जी की आत्मा को भगवान शांति प्रदान करें और उनके परिवार को हिम्मत दें।
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