
बिहार का सियासी माहौल 2024 के लोकसभा और 2025 के विधानसभा चुनाव की लड़ाई के मोड में आ चुका है। इसका असर नीतीश कुमार कैबिनेट के फैसलों पर भी साफ-साफ दिखता है। फरवरी महीने की पहली कैबिनेट बैठक पर भी इसका असर दिखेगा। कैबिनेट की 27 जनवरी की बैठक में पटना से लेकर प्रदेश के अंतिम छोर तक के लोगों को समेटने की कोशिश की गई थी। शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र फोकस में था, लेकिन खुली आंखों से नजर आने वाले विकास कार्यों को कैबिनेट ने तवज्जो दी थी। युवाओं को जोड़ने के लिए पद सृजन और पढ़ाई पर फोकस था तो स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने को लेकर अहम फैसले भी लिए गए थे।
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