नीतीश बोले बिहार में बाढ़ राहत में शामिल लोगों का हो 100% वैक्सीनेशन व शिविर में आने वाले का हो कोरोना टेस्ट, एक भी पीड़ित परिवार लाभ पाने से वंचित न रहे

नीतीश कुमार संभावित बाढ़ व सूखा से निपटने की तैयारियों की सोमवार को समीक्षा कर रहे थे। बैठक के दौरान भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के प्रतिनिधि ने बताया कि 13-14 जून तक बिहार में मानसून आने की संभावना है। जून महीने में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बाढ़ राहत व बचाव कार्य में शामिल होने वाले लोगों का 100% वैक्सीनेशन हो। साथही राहत शिविर में आने वालों का कोरोना टेस्ट भी किया जाए। अगर  कोई  कोरोना  पॉजिटिव  पाए जाते हैं  उन्हें राहत शिविरों में अलग से आइसोलेट कर उनके इलाज की समुचित व्यवस्था रखें।  उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों का सही आकलन हो। प्रभावित परिवारों  की सूची  बनाते  समय पूरी पारदर्शिता बरती जाए ताकि  एक भी पीड़ित परिवार, सरकारी लाभ पाने से वंचित न रहे। कोई भी वास्तवित हकदार लाभ से वंचित न रहे, यह सुनिष्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से सुरक्षा के लिए बचे हुए सभी कटाव निरोधक एवं बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य मानसून के पहले पूरा किया जाए।

बाढ़ की स्थिति में तटबंधों की निगरानी के लिए विशेष सतर्कता हो। गश्ती का काम नियमित रुप से हो। निगरानी करने वालों का विशेष प्रशिक्षण हो। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में नाव रहे। बच्चों को डूबने से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चले। मुख्यमंत्री  ने कहा  कि  आदमी एवं  पशु  दवा,  सांप काटने की  दवा,  कुत्ता  काटने की दवा, ब्लीचिंग पाउडर, डायरिया की दवा, हैलोजन टेबलेट आदि की पर्याप्त उपलब्धता रखें। उन्होंने कहा कि पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त होने वाली सड़कों की मरम्मति की पूर्ण तैयारी रखें। उन्होंने कहा कि विशेष आक्राम्य स्थलों को चिह्नित करें। इसको लेकर जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय लोगों से विचार-विमर्श करें। डायवर्सन का सुदृढ़ीकरण करायें। पिछले वर्ष बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों एवं पुल/पुलियों की मरम्मति कार्य 15 जून तक पूर्ण करें। पुल/पुलियों के साफ-सफाई का कार्य भी माॅनसून के पहले पूर्ण करें।  नवगठित नगर  निकायों  में  संभावित  बाढ़  एवं सुखाड़ की स्थिति से  निपटने  की व्यवस्था सुनिश्चित करें। डिजास्टर रिस्क रिडक्षन  रोडमैप के क्रियान्वयन हेतु समुचित कार्रवाई की जाए। कैटल ट्रफ, पशुचारा, राहत सामग्री आदि की पूरी तैयारी 13 जून के पूर्व हो जाए।

इन अफसरों ने अपने-अपने विभागों की तैयारियों की दी जानकारी 

बैठक के दौरान आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने तैयारियों के बारे में विस्तार से बताया। कहा- मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार बाढ़ आपदा प्रबंधन होगा। जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, लघु जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव रवि मनु भाई परमार, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर, ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव, कृषि सह पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव एन. सरवन कुमार ने अपने-अपने विभागों की तैयारियों की जानकारी दी।

कुछ प्रभावित जिलों के डीएम से उनके जिलों की तैयारियों के बारे में जानकारी ली गई। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार एवं चंचल कुमार, सचिव अनुपम कुमार तथा ओएसडी गोपाल सिंह मौजूद थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी, विजय कुमार चौधरी, मंगल पांडेय, संजय कुमार झा, अमरेंद्र प्रताप सिंह, रामप्रीत पासवान, नितिन नवीन, श्रवण कुमार, जयंत राज, जिवेश मिश्रा सहित अन्य मंत्रीगण सहित संबद्ध विभागों के अन्य वरीय पदाधिकारी, प्रमंडलीय आयुक्त, सभी आईजी, डीआईजी, डीएम, एसएसपी, एसपी जुड़े हुए थे।

मुख्यमंत्री के खास निर्देश

पिछले बाढ़ से टूटी सड़क, पुल-पुलियों का मरम्मत 15 जून तक पूरा हो बांधों की निगरानी के लिए खास सतर्कता हो, निगरानी करने वालों का विशेष प्रशिक्षण हो बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में नुकसान का सही आकलन हो, एक भी पीड़ित परिवार लाभ से वंचित न रहे पुल-पुलियों की साफ-सफाई मानसून के पहले हो, बन रहे पुल, पुलियों के निकट डायवर्सन मजबूत किया जाए बाढ़ के खतरनाक स्थल को पहचान इस बारे में जनप्रतिनिधि व स्थानीय लोगों से विचार-विमर्श हो आपदा प्रबंधन विभाग लगातार मॉनीटरिंग करे अब तक अनुभवों के अनुसार योजनाबद्ध तरीके से काम हो, हर चीज पर नजर रहे नए बने नगर निकायों में बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति से निपटने की व्यवस्था सुनिश्चित हो डिजास्टर रिस्क रिडक्शन रोडमैप के क्रियान्वयन के लिए कार्रवाई हो आदमी व पशु की दवा, ब्लीचिंग पाउडर, हैलोजन टेबलेट, नाव पर्याप्त मात्रा में रहे।