बिहार में 13-14 जून तक मानसून के आने की संभावना, हो सकती है सामान्य से अधिक वर्षा, जानिए नीतीश मानसून से पहले क्या बोले

नीतीश कुमार संभावित बाढ़ व सूखा से निपटने की तैयारियों की सोमवार को समीक्षा कर रहे थे। बैठक के दौरान भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के प्रतिनिधि ने बताया कि 13-14 जून तक बिहार में मानसून आने की संभावना है। जून महीने में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बाढ़ राहत व बचाव कार्य में शामिल होने वाले लोगों का 100% वैक्सीनेशन हो। साथही राहत शिविर में आने वालों का कोरोना टेस्ट भी किया जाए। अगर  कोई  कोरोना  पॉजिटिव  पाए जाते हैं  उन्हें राहत शिविरों में अलग से आइसोलेट कर उनके इलाज की समुचित व्यवस्था रखें।  उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों का सही आकलन हो। प्रभावित परिवारों  की सूची  बनाते  समय पूरी पारदर्शिता बरती जाए ताकि  एक भी पीड़ित परिवार, सरकारी लाभ पाने से वंचित न रहे। कोई भी वास्तवित हकदार लाभ से वंचित न रहे, यह सुनिष्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से सुरक्षा के लिए बचे हुए सभी कटाव निरोधक एवं बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य मानसून के पहले पूरा किया जाए।

बाढ़ की स्थिति में तटबंधों की निगरानी के लिए विशेष सतर्कता हो। गश्ती का काम नियमित रुप से हो। निगरानी करने वालों का विशेष प्रशिक्षण हो। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में नाव रहे। बच्चों को डूबने से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चले। मुख्यमंत्री  ने कहा  कि  आदमी एवं  पशु  दवा,  सांप काटने की  दवा,  कुत्ता  काटने की दवा, ब्लीचिंग पाउडर, डायरिया की दवा, हैलोजन टेबलेट आदि की पर्याप्त उपलब्धता रखें। उन्होंने कहा कि पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त होने वाली सड़कों की मरम्मति की पूर्ण तैयारी रखें। उन्होंने कहा कि विशेष आक्राम्य स्थलों को चिह्नित करें। इसको लेकर जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय लोगों से विचार-विमर्श करें। डायवर्सन का सुदृढ़ीकरण करायें। पिछले वर्ष बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों एवं पुल/पुलियों की मरम्मति कार्य 15 जून तक पूर्ण करें। पुल/पुलियों के साफ-सफाई का कार्य भी माॅनसून के पहले पूर्ण करें।  नवगठित नगर  निकायों  में  संभावित  बाढ़  एवं सुखाड़ की स्थिति से  निपटने  की व्यवस्था सुनिश्चित करें। डिजास्टर रिस्क रिडक्षन  रोडमैप के क्रियान्वयन हेतु समुचित कार्रवाई की जाए। कैटल ट्रफ, पशुचारा, राहत सामग्री आदि की पूरी तैयारी 13 जून के पूर्व हो जाए।

देश में बारिश के चार महीने के मौसम की शुरुआत हो चुकी है। 

दक्षिण पश्चिम मानसून ने दो दिन की देरी से गुरुवार को केरल में दस्तक दी। केरल में मानसून का पहुंचने के साथ देश में बारिश के चार महीने के मौसम की शुरुआत हो गई। केरल औऱ कर्नाटक से गुजरते हुए अब मानसून महाराष्ट्र भी पहुंच गया है. महाराष्ट्र में शनिवार को दक्षिण पश्चिम मानसून ने दस्तक दी और इस वजह से महाराष्ट्र के कुछ तटीय इलाकों में बारिश देखने को मिली। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के क्षेत्रीय केंद्र की निदेशक शुभांगी भुते ने कहा कि मानसून उम्मीद और समय के मुताबिक महाराष्ट्र पहुंचा है. भुते ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून महाराष्ट्र में प्रवेश कर चुका है। यह विधिवत रूप से तटीय रत्नागिरी जिले के हरनाई बंदरगाह तक पहुंच गया है। इसके आने का वास्तविक क्षेत्र सोलापुर और मराठावाड़ा के कुछ हिस्सों तक और उसके बाद तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश तक होता है. इस महीने के अंत में मानसून दिल्ली तक पहुंच सकता है।

बिहार सहित इन राज्यों में मॉनसून कब तक?

मानसून अगले दस दिनों में ओडिशा, झारखंड, बंगाल के कुछ हिस्सों और बिहार पहुंचने का अनुमान है। मौसम विज्ञान विभाग के प्रतिनिधि ने बताया कि 13-14 जून तक बिहार में मानसून आने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि मानसून मध्य अरब सागर, कर्नाटक के तटीय क्षेत्र, गोवा, महाराष्ट्र और कर्नाटक के अंदरूनी हिस्से, तेलंगाना के कुछ भाग और आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु के कुछ इलाकों, मध्य बंगाल की खाड़ी और बंगाल की खाड़ी के पूर्वोत्तर क्षेत्रों तक पहुंच चुका है। आईएमडी के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के राजेंद्र जेनामानी ने कहा कि 7-8 जून को कम बारिश होने का अनुमान है।

11 जून तक बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इससे मानसून की रफ्तार बढ़ेगी।। इसके ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों और बिहार की तरफ बढ़ने की संभावना है। मानसून दो दिनों की देरी से तीन जून को केरल पहुंचा था। आईएमडी ने जून में सामान्य बारिश होने का अनुमान जताया है. अगले पांच दिनों तक देश में लू की स्थिति बनने की संभावना नहीं है।

दिल्‍ली में मॉनसून कब तक?

पिछले महीने, निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्‍काईमेट वेदर ने कहा था कि दिल्‍ली में जून के आखिर तक मॉनसून पहुंच सकता है। सितंबर के महीने में दिल्‍ली में अच्‍छी-खासी बारिश हो सकती है। हालांकि बाकी सीजन के दौरान बारिश में ’10-15% की कमी’ का अनुमान है। पिछले साल मॉनसून 30 सितंबर को गया था और बारिश 20% कम रही थी।

23 जून तक यूपी में मानसून

उत्तर प्रदेश में आने वाले दो दिनों में तापमान बढ़ने के साथ तेज गर्मी और उमस के आसार बन रहे हैं। वहीं फिलहाल बारिश की उम्मीद नहीं है, मौसम विभाग के अनुसार 23 जून तक यूपी में मानसून आने की संभावना है।

इस साल कैसा मानूसन रहेगा?

IMD के मुताबिक, इस साल दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के सामान्य रहने की संभावना है। जून से लेकर सितंबर तक बारिश के आसार जताए गए हैं। पिछले महीने एक वर्चुअल ब्रीफिंग में, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने कहा था कि मॉनसून की लंबी अवधि का औसत (LPA) 98 प्रतिशत होगा, जो सामान्य श्रेणी में आता है। LPA 1961-2010 के बीच मॉनसून में हुई बारिश का औसत है जो कि 88 सेंटीमीटर बैठता है। 98% के पूर्वानुमान का मतलब है कि इस साल मॉनसून सीजन के दौरान करीब 86.2 CM बारिश होगी।

मॉनसून आने की क्‍या हैं शर्तें?

अगर 10 मई के बाद, केरल के 14 मौसम केंद्रों पर लगातार दो दिन 2.5 मिलीमीटर या उससे ज्‍यादा की बारिश होती है, तो दूसरे दिन मॉनसून के आने की घोषणा कर दी जाती है। पिछले दिनों यह पैमाना पूरा हो चुका है। हालांकि इसके लिए कुछ और मानकों का पूरा होना भी जरूरी है। जिनमें तय कोऑर्डिनेट्स के बीच हवा की न्‍यूनतम रफ्तार, आउटगोइंग लॉन्‍गवेव रेडिएशन का स्‍तर शामिल हैं।

मॉनसून सीजन तब शुरू होता है जब दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पहली बार केरल के दक्षिणी सिरे से टकराता है। वहां से आमतौर पर जून के पहले हफ्ते में और राजस्थान से सितंबर तक पीछे हट जाता है। इस साल मॉनसून के सामान्य रहने की संभावना 40 फीसदी है जबकि 21 फीसदी संभावना सामान्य से ऊपर है। यह लगातार तीसरा साल है, जब IMD ने अच्छी बारिश की भविष्यवाणी की है।