
बिहार की राजनीति में जनजातीय जनगणना का मुद्दा एक बार फिर जोर पकड़ता दिखाई दे रहा है। मीडिया से बात करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आप सभी लोग जानते हैं कि बिहार में जातीय जनगणना के लिए हमने पहले से ही कहा है और आपको मालूम है कि बिहार विधानसभा ने दो बार इसे पारित किया है और इस बार सभी पार्टियों की बैठक करके तब इसका निर्णय लेकर के कैबिनेट के माध्यम से इसे स्वीकृत करके इस पर काम शुरू किया जाएगा। यही इसका तरीका है उसी के लिए यह बात हो रही है। राज्य सरकार के द्वारा सभी दलो के लोगों के साथ चर्चा हो रही है। यह मीटिंग एक बार हो जाए तो अच्छा रहेगा इससे सभी लोगों का राय हमें मिल जाएगा कि किस प्रकार अच्छे ढंग से जातीय जनगणना का कार्य प्रदेश में पूरा किया जा सकता है। सभी की राय लेने के बाद सरकार इस विषय पर अंतिम रूप से विचार विमर्श कर फैसला लेगी। इसके लिए हमने पहले से ही पूरी तैयारी कर रखी है। लेकिन सभी दलों की राय के बाद ही हम कैबिनेट में प्रस्ताव लेकर जाएंगे। उन्होंने कहां की 27 मई के लिए अन्य दलों से बात हुई है कुछ लोगों की सहमति मिली है लेकिन अभी पूर्ण रुप से सभी लोगों की सहमति नहीं आई है पूरी सहमति के बाद कोई भी फैसला लिया जाएगा।
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