राजस्थान में लॉकडाउन के दौरान गरीबों को खाना बाटते वक्त फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया राशन सामग्री एवं भोजन वितरण राजनीति से परे होकर सेवा भाव से के साथ किया जाए इसे प्रचार और प्रतिस्पर्धा का माध्यम नहीं बनाया जाए। उन्होंने राशन वितरण करते समय सोशल डिस्टेंसींग बनाए रखने की भी अपील की।
इसे प्रचार और प्रतिस्पर्धा का माध्यम नहीं बनाया जाए। राज्य सरकार ने वितरण के दौरान किसी तरह की वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी निषिद्ध कर दी है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 10, 2020
गहलोत ने कहा कि सरकार का यह संकल्प है कि प्रदेश में कोई व्यक्ति भूखा नहीं सोए, लेकिन साथ ही हम सबकी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वास्तविक जरूरतमंदों को ही इसका लाभ मिलना सुनिश्चित हो।
एक सरकारी बयान में उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति सक्षम हैं, वे वास्तविक जरूरतमंद के हिस्से का अनुचित लाभ नहीं लें। सूखी राशन सामग्री एवं पके हुए भोजन के पैकेट पर पहला हक उन निराश्रित, बेसहारा तथा जरूरतमंद लोगों का है, जो संकट की इस घड़ी में पूरी तरह सरकार एवं जनसहयोग पर आश्रित हो गए हैं।
उन्होंने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि इस कार्य के लिए स्वयंसेवी संगठनों को निरन्तर प्रोत्साहित किया जाए और अच्छा कार्य करने वाली संस्थाओं को भोजन वितरण को लेकर आने वाली समस्याओं का निराकरण भी तत्काल प्रभाव से किया जाए। राशन एवं भोजन के पैकेट वितरित करते समय भौतिक दूरी का पूरा ध्यान रखा जाए। इस दौरान किसी तरह की भीड़ एकत्र नहीं हो।
वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन के संबंध में उचित कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार संकट की इस घडी में उद्यमियों के साथ खड़ी है।
You must be logged in to post a comment.