कोरोना के इलाज के लिए बिहार के निजी अस्पताल की फीस तय, प्रतिदिन 18,000 रुपये से अधिक नहीं वसूल सकेंगे अस्पताल

बिहार में निजी अस्पताल अब कोरोना मरीजों से मनमानी फीस नहीं वसूल कर सकते हैं. इसके लिए बिहार सरकार ने अधिकतम दर निर्धारित कर दिया है. कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए राज्य के शहरों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है.

पहली श्रेणी में राजधानी पटना को रखा गया

पहली श्रेणी में राजधानी पटना को रखा गया है. पटना के मरीजों से अधिकतम 18 हजार प्रतिदिन का शुल्क निर्धारित किया गया है. वहीं, दूसरी श्रेणी में भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गया और पूर्णिया को रखा गया है. जबकि, तीसरी श्रेणी में बिहार के अन्य शहर होंगे. पहली श्रेणी के पटना में अस्पतालों की दो श्रेणियां हैं. इनमें राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त अस्पताल और राष्ट्रीय स्तर पर गैर मान्यतावाले अस्पतालों को रखा गया है. साथ ही कोरोना मरीजों की भी तीन श्रेणियां बनायी गयी हैं.

आईसीयू की अधिकतम दर 18 हजार रुपये

कोरोना के मामूली पीड़ितों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त अस्पतालों के लिए पीपीई किट के साथ अधिकतम शुल्क 10 हजार रुपये प्रतिदिन निर्धारित किये गये हैं. इनमें सपोर्टिव केयर के साथ ऑक्सीजन का मूल्य शामिल है. जबकि, गंभीर बीमारी के लिए आईसीयू के साथ 15 हजार रुपये और अति गंभीर पीड़ितों के लिए वेंटीलेटर के साथ आईसीयू की अधिकतम दर 18 हजार रुपये प्रतिदिन होगी.