बिहार में अब क्या ‘खेला’ करेंगे सीएम? पंडित दीनदयाल की जयंती में शामिल होने के बाद क्‍या बोले CM नीतीश

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के फिर से एनडीए में शामिल होने की चर्चा जोरों पर है। कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार जल्‍द इंडिया छोड़ एनडीए में शामिल हो सकते हैं। इस बीच, बिहार के सीएम नीतीश कुमार सोमवार को भाजपा नेताओं की ओर से आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती समारोह में शामिल होने पहुंचे हैं।

इस दौरान, मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार से पत्रकारों ने आईएनडीआईए में खटपट और उनके एनडीए में शामिल होने को लेकर सवाल पूछे। नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, ”आप सभी जानते हैं कि मैंने विपक्ष को एकजुट करने के लिए कितना काम किया है और कर रहा हूं। वहीं एनडीए में शामिल होने को लेकर कहा कि छोड़िए न भाई, इसको लेकर क्‍या चर्चा करना है। दूसरे लोग क्‍या कहते हैं, इससे मुझे कोई लेना-देना नहीं है। मैं सिर्फ काम कर रहा हूं।”

इंडियन नेशनल लोकदल के कार्यक्रम से बनाई दूरी

24 सितबंर को बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने दावा किया कि पीएम उम्मीदवार के चेहरे के रूप में नीतीश कुमार से अधिक सक्षम कोई अन्य नेता नहीं है और विपक्षी I.N.D.I.A गुट के नेता ऐसा करेंगे. साथ ही गठबंधन के नेता भविष्य में इस पर एक घोषणा करें. वहीं, अब 25 सितंबर (सोमवार) को खबर आई कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हरियाणा के कैथल में होने वाले इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के कार्यक्रम से दूरी बना ली है. इसके बाद से पटना से लेकर दिल्ली तक सियासी तापमान बढ़ गया है.

रअसल, इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के कार्यक्रम में जाने के बजाय सीएम नीतीश कुमार पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती समारोह में जाने का फैसला किया है. इस कार्यक्रम का आयोजन पटना में किया जाएगा. वहीं, नीतीश कुमार के इस फैसले का एक अलग ही सियासी कयास लगाए जा रहे है. पटना में तो सियासी माहौल पूरी तरह से गर्म हो गया है. राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है.

सीएम नीतीश कुमार के इस फैसले पर जेडीयू की तरफ से प्रतिक्रिया भी आ गई है. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, ” सीएम नीतीश कुमार पुरखों का सम्मान करते हैं. इसके कोई अलग सियासी मायने नहीं हैं.” दरअसल, सबसे अहम बात ये है कि नीतीश कुमार 25 सितंबर यानी आज ही कैबिनेट की मीटिंग बुलाई है. हालांकि, बिहार में कैबिनेट की मीटिंग मंगलवार को होती है.