COVID 19 Update: देश में COVID 19 के कुल 2,86,579 संक्रमितों में से आधे से अधिक लोग हुए ठीक

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आज सुबह 8.00 बजे जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या पिछले 24 घंटों में बढ़कर 2,86,579‬‬ हो गई है। साथ ही देश में संक्रमण से अब तक 8102 लोगों की मौत हो चुकी है, देश के 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सामने आए मामलों में 137448 सक्रिय हैं। जबकि 141029 लोग ठीक/ डिस्चार्ज या माइग्रेट हुए हैं।

बिहार में कोरोना वायरस के 243 नए मामलों के साथ कुल मामले हुए 5,698

बिहार में स्वास्थ विभाग के द्वारा कल शाम आखरी ट्विट कर जारी सुचना के अनुसार अपडेट में कोरोना वायरस के विभिन्न जिलों के 243 नए मामले सामने आए जिसके बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 5,698 हो गई। बिहार में सक्रिय मामलों की संख्या 2652‬ है जबकि कल शाम 4 बजे जारी आकड़ो के मुताबिक अभी तक इस संक्रमण से 2,730‬ लोग ठीक हुए हैं जो कुल संक्रमित व्यक्तियों का 52 प्रतिशत है और 34 लोगों की मौत हुई है ।

बिहार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक जो मौत हो चुकी है उनमें मामले बेगूसराय एवं खगडिया में 03—03, भोजपुर दरभंगा, पटना, सीतामढी, सिवान, वैशाली एवं सारण में दो—दो तथा अररिया, औरंगाबाद, भागलपुर, जमुई, जहानाबाद, मधेपुरा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, नवादा, पूर्वी चंपारण, रोहतास, समस्तीपुर एवं शिवहर जिले में एक—एक मरीज हैं। वहीं 3 मई के बाद बाहर से बिहार आने वाले लोगों में से 3,989 व्यक्तियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुयी है जो कुल संक्रमित व्यक्तियों का 71 प्रतिशत है। गौरतलब है कि अब तक कुल 1,09,483 से अधिक सैंपल्स की जाँच की जा चुकी है।

गौरतलब है कि जो महाराष्ट्र से आये थे और वे हाइपरटेंशन, डायबिटीज जैसी अन्य बीमारियों से भी ग्रसित थें।

COVID 19 मरीजों के लिए असुविधाओं को लेकर NHRC का केंद्र व दिल्ली सरकार को नोटिस

दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए अस्पतालों में बेड की कमी, जांच में कमी व देरी से जांच करने के साथ ही मरने वालों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी समेत अन्य गंभीर शिकायतों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने दिल्ली सरकार व स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय को नोटिस जारी किया है।

आयोग ने पाया कि शिकायतकर्ता व दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन ने आरोप लगाने के साथ ही इससे जुड़ा डाटा भी पेश किया है। आयोग ने कहा कि डाटा से संकेत मिलता है कि सरकारों (केंद्र व दिल्ली) की ओर से तत्काल प्रभावी कदम उठाए जाने की जरूरत है।

दिल्ली सरकार व मंत्रालय को नोटिस जारी करते हुए आयोग ने कहा कि यह जरूरी है कि दोनों सरकारें आपसी विचार-विमर्श से दस दिन में एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करें। इस बीच दिल्ली सरकार कोरोना मरीजों के लिए अस्पतालों में बेड की संख्या के साथ ही प्रतिदिन होने वाली जांच की संख्या को बढ़ाए। आयोग ने कहा कि यह समझा जा सकता है कि सरकारी एजेंसियों, अस्पताल, डॉक्टर, नर्स और उनके परिवार के लिए अप्रत्याशित स्थिति है, लेकिन कोई राज्य अपने नागरिकों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकता। शिकायत में क्या कहा है?

आयोग को 9 जून को मिली शिकायत के अनुसार, कोरोना संक्रमित मरीज एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटक रहे हैं, लेकिन कोरोना मरीजों के लिए समर्पित 70 फीसद बेड खाली होने के बावजूद भी उन्हें नहीं मिल रहे हैं। शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि दिल्ली के 38 अस्पतालों में से 33 अस्पताल कोरोना मरीजों को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। सिर्फ 5 अस्पताल को ही दिल्ली सरकार ने कोरोना अस्पताल घोषित किया है। यह भी आरोप है कि दिल्ली सरकार कोरोना का पता लगाने के लिए जांच भी नहीं कर रही है। इतना ही नहीं कोरोना से मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार करने में पांच से छह दिन लग रहे हैं।