सूरत से पटना पहुंचे भूखे प्यासे प्रवासी मजदूर, *द शिफ्ट इंडिया* की टीम ने स्थानीय लोगो की मदद से मजदूरों को खिलाया खाना

देश में कारोंना के मरीजो की संख्या कम होने का नाम नही ले रही है, इसे लेकर देश के सभी राज्यो के बॉर्डर सील करने का निर्देश जारी किया गया है, बाबजूद इसके बिहार के अन्य जिलों में बिना स्क्रीनिंग के पहुच रहे है. इसकी पोल तब खुल गई जब गांधी मैदान पुलिस मुख्यालय गेट के नजदीक सूरत से ट्रकों में 55 मजदूर को 3500 रुपए किराया लेकर उतारा जा रहा था।

3500 रुपये किराए लेकर 55 मजदूर को भेजा गया पटना

दरअसल ये सभी मजदूर सूरत के उदना जिले में मजदूरी कर अपना पेट पाल रहे थे. जो की बिहार के नालंदा और मधुबनी जिले के रहने वाले है. लेकिन लॉक डाउन के कारण मजदूर अपने घर जाने के लिए विवश थे. इस बीच गुजरात प्रसाशन की ओर से 80 लोगो को एक ट्रक में बैठने की क्षमता का एक पास बनाकर पटना भेज दिया। इतना ही नहीं मजदूर से 3500 रुपये किराए के करार पर 55 मजदूर को भेजने के लिए ट्रक ड्राइवर को तैयार किया किसी तरह पैसा इकट्ठा कर बिहारी मजदूरों को ट्रकों में भेड़ बकरियों की तरह बिहार की ओर बिना जांच के ही कूच करा दिया जहां ट्रक ड्राइवर ने गांधी मैदान पुलिस मुख्यालय के गेट पर ही सभी मजदूरों को छोड़ कर ट्रक ड्राइवर फरार होना चाह रहा था.

पटना पुलिस की लापरवाही उजागर

लेकिन कुछ पुलिस वाले को देखकर ट्रक ड्राइवर निकलने के चक्कर मे था. पुलिस कर्मियों के द्वारा पूछे जाने पर ट्रक ड्राईवर ने सूरत से बिहार का एक पास दिखाया. बाबजूद इसके पटना पुलिस ने पड़ताल करने की जहमत तक नही उठाई और अपना पल्ला झारने के लिए पुलिस वाले ने मजदूरों को कुछ खाना का पैकेट देकर जक्कनपुर इलाके के बस स्टैंड के लिए ट्रक को रवाना कर दिया। जब पास दिखाने को कहा तो ट्रक ड्राइवर मजदूरों को जक्कनपुर बस स्टैंड के पास छोड़कर फरार हो गया। आनन फानन जक्कनपुर पुलिस को सूचना दिया तबतक मजदूर को छोड़कर ट्रक ड्राइवर फरार हो चुका था.

*द शिफ्ट इंडिया* की पहल पर मजदूरों की हुई स्क्रीनिंग

इस बबात मजदूरो की हालत देखकर द शिफ्ट इंडिया की टीम ने स्थानीय लोगो की मदद से मजदूरों को पानी पिलवाया तब जाकर जक्कनपुर पुलिस पहुची. और चार दिनों से भूखे मजदूरों के लिए भोजन का प्रबंध कराया. उसके बाद सभी मजदूरों को जक्कनपुर पुलिस ने स्क्रीनिंग कराया गया जबकि एक भी मजदूर का स्क्रीनिंग टेस्ट नही हुआ था. हालांकि अच्छी बात यह रही की जांच में सभी मजदूर का टेम्प्रेचर नार्मल पाया गया।

सभी मजदूरों का टेस्ट कराकर ही कोरेन्टीन किया जायगा

जक्कनपुर थाने की पहुची पुलिस ने बताया सभी लोग सूरत से लोग आ रहे है जानकारी मिलने पर इसे रोका गया और सरकार के द्वारा सभी मजदूरों का स्क्रीनिंग टेस्ट कराकर ही कोरेन्टीन किया जायगा । लेकिन सवाल यह है की मजदूरों के कथना अनुसार गुजरात प्रशासन के द्वारा पास बनाकर 3500 रुपए लेकर ट्रक से बिहार भेजना वो भी बिना स्क्रीनिंग टेस्ट के.जबकि बिहार सरकार के खर्च पर मजदूरों को बिहार लाने के लिए कई स्पेशल ट्रेन चलाया जा रहा है. बाबजूद इसके ट्रकों से मजदूरों को भेजना और बिहार की सीमा पर बिना जांच के ही मजूदरो का ट्रक बिहार के पटना जिला में प्रवेश करना ये प्रशासनिक स्तर पर बड़ी लापरवाही देखने को मिली है।