देश में जिस तरह से कोरोना संक्रमित की संख्या बढ़ रही है उस तेजी से कोरोना की जांच नहीं हो रही है। लेकिन अब बिहार में राहत की खबर है। आइजीआइएमएस में अब हर रोज एक हजार कोरोना के संदिग्ध सैंपलों की जांच होगी. पहले यह संख्या 250 से 300 के बीच रहती थी. यहां शनिवार को आरएनए एक्सट्रेक्शन मशीन या मैगनस प्योर 96 का उद्घाटन किया गया. इस मशीन सहित कुल छह अत्याधुनिक मशीनों, मोलिकुलर लैब और 100 बेड के इंर्टन गर्ल्स हॉस्टल का उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इलेक्ट्रॉनिक तरीके से किया.
मात्र 45 मिनट में हो सकता है टेस्ट
जिन मशीनों का उद्घाटन हुआ उसमें पहली पीसीआर मशीन है. इससे हेपेटाइटिस बी, सी, एचआइवी आदि का टेस्ट मात्र 45 मिनट में हो सकता है. दूसरी मशीन कोबास 480 है. इससे विभिन्न तरह के बैक्टिरिया, वायरस, फंगस आदि सूक्ष्म जीवों को मरीज के सैंपल से निकाला जा सकता है.तीसरी मशीन कोबास जेड है, जो सैंपल से निकाले जा चुके सूक्ष्म जीवों की मात्रा, उनकी स्थिति पर रिपोर्ट बनाती है. चौथी मशीन माल्डी टॉफ है. इससे टीबी, इसेफलाइटिस, ब्रेन फीवर, चेस्ट इंफेक्शन आदि की जांच कर रिपोर्ट बनायी जा सकती है.
एक घंटे में कोरोना के 96 सैंपलों से आरएनए निकाल सकती है मशीन
पांचवी मशीन वीटेक जेड है यह वायरस, बैक्टिरिया, फंगस आदि की सक्रियता को बताती है. वहीं छठी मशीन मैगनस प्योर 96 है. यह मशीन एक घंटे में कोरोना के 96 सैंपलों से आरएनए निकाल सकती है. इससे आइजीआइएमएस में रोजाना एक हजार कोरोना सैंपल की जांच होगी. इन मशीनों के साथ ही मोलिकुलर लैब की भी स्थापना की गयी है. इस लैब में जापानी इंसेफलाइटिस सहित कई दूसरी बीमारियों का कारण बनने वाले वायरस और दूसरे सूक्ष्म जीवों का पता चलेगा.
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