महागठबंधन में तेजस्वी के आगे उपेंद्र कुशवाहा ने क्यों किया सरेंडर? 5- 11 सितंबर तक शिक्षा सुधार सप्ताह मनाएगी रालोसपा

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले दलबदल का दौर जारी है. महागठबंधन से जीतनराम मांझी के निकलने के बाद सीपीआई और सीपीएम ने साथ चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. अब महागठबंधन के सहयोगी रालोसपा ने भी अपना स्टैंड साफ कर दिया है. रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के सामने सरेंडर कर दिया है.

बिहार की जनता बदलाव चाहती है-कुशवाहा

रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि बिहार की जनता बदलाव चाहती है. ऐसे में इसको लेकर के ठोस रणनीति बनाने की जरूरत है और यह तभी संभव है जब खुद राजद सुप्रीमो इसमें हस्तक्षेप करें. उपेंद्र कुशवाहा ने जीतनराम मांझी के महागठबंधन से अलग होने पर कहा कि उन्हें नहीं जाना चाहिए था. उपेंद्र कुशवाहा ने माना कि बिहार में सीट शेयरिंग पर देरी हो रही है, जिसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है.

बदहाल शिक्षा व्यवस्था को लेकर रालोसपा का आंदोलन

उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी कार्यालय में कहा कि बिहार में बदहाल शिक्षा व्यवस्था को लेकर रालोसपा ने लगातार आंदोलन चलाया है. उन्होंने यह भी कहा कि इस पूरे मुद्दे पर 25 सूत्री मांग सरकार को सौंपा था. लेकिन इस पर कोई अमल नहीं हुआ. अब वह चाहते हैं कि इस पूरे मामले महागठबंधन के सभी उम्मीदवार अपने घोषणा पत्र में शामिल करें. उपेंद्र कुशवाहा ने ऐलान किया है कि वह 25 सूत्री मांगों को लेकर 5 से 11 सितंबर तक शिक्षा सुधार सप्ताह आयोजित करेगी, जो पूरे बिहार बिहार के सभी जिलों और प्रखंडों में आयोजित होगा.