चुनाव से पहले PM मोदी ने बिहार को दी तीन पेट्रोलियम परियोजनाओं की सौगात, कहा-पूरे देश विदेश में दिखता है बिहार के युवाओं की प्रतिभा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बिहार को तीन पेट्रोलियम परियोजनाओं की सौगात दी। इस परियोजना में पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर गैस पाइपलाइन का दुर्गापुर बांका खंड सहित दो एलपीजी बॉटलिंग प्लांट शामिल हैं। यह प्लांट करीब 131.75 करोड़ रुपये के निवेश से बनाया गया है. 1800 एमटी की एलपीजी भंडारण क्षमता और प्रति दिन 40,000 सिलेंडर की बॉटलिंग क्षमता का है. इससे बिहार के साथ-साथ झारखंड के कई जिलों को लाभ मिलेगा. पूर्वी चंपारण के हरसिद्धि में भी एचपीसीएलके 120 टीएमटीपीए एलपीजी बॉटलिंग प्लांट का निर्माण का भी उद्घाटन किया. इसका निर्माण 136.4 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है.

पीएम ने बिहार को ऊर्जा का पावरहाउस करार दिया

उन्होंने 17 फरवरी 2019 को इन पाइपलाइन का शिलान्यास किया था। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे ऊपर कहीं न कहीं बिहार का कर्ज है। उन्होंने बिहार को ऊर्जा का पावरहाउस करार दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस का जिक्र करते हुए कहा कि इसका संक्रमण आज भी हमारे बीच मौजूद है। उन्होंने कहा, ‘जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।’ पीएम मोदी ने कहा कि आज बिहार में शिक्षा के बड़े-बड़े केंद्र खुल रहे हैं. अब एग्रीकल्चर कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या बढ़ रही है। अब राज्य में IIT, IIM, ट्रिपल IT, बिहार के नौजवानों के सपनों को ऊंची उड़ान देने में मदद कर रहे हैं.

पीएम मोदी ने अपने भाषण में क्या कहा-

  • देश और बिहार में गैस आधारित व्यवस्था के लिए बड़े पैमाने पर काम चल रहा है। इतना ही नहीं इन प्रोजेक्ट्स में जितने लोग पहले काम कर रहे हैं, वो तो वापस लौटे ही हैं, इनकी वजह से रोजगार के नए अवसरों की संभावनाएं भी बढ़ी हैं।
  • कोरोना संक्रमण अभी भी हमारे बीच में मौजूद है। ‘जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।’ दो गज की दूरी। साबुन से हाथ की नियमित सफाई। यहां-वहां थूकने से मनाही। चेहरे पर मास्क। इन जरूरी बातों का हमें खुद भी पालन करना है और दूसरों को भी याद दिलाते रहना है।
  • कोरोना के इस कालखंड में अब एक बार फिर पेट्रोलियम से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्यों ने गति पकड़ ली है। इतनी बड़ी वैश्विक महामारी देश के प्रत्येक व्यक्ति के लिए अनेकों परेशानियां लेकर आई है। लेकिन इन परेशानियों के बाद भी देश रुका नहीं है, बिहार रुका नहीं है, बिहार थमा नहीं है।
  •  बिहार में बिजली की क्या स्थिति थी, ये भी जगजाहिर है। गांवों में दो-तीन घंटे बिजली आ गई तो भी बहुत माना जाता था। शहर में रहने वाले लोगों को भी 8-10 घंटे से ज्यादा बिजली नहीं मिलती थी। आज बिहार के गांवों में, शहरों में बिजली की उपलब्धता पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा हुई है।
  • नतीजा ये हुआ कि बिहार के नौजवान बाहर जाकर पढ़ाई और नौकरी करने के लिए मजबूर हो गए। आज बिहार में शिक्षा के बड़े-बड़े केंद्र खुल रहे हैं। अब एग्रीकल्चर कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेजों, आईआईटी, आईआईएम, ट्रिपल आईटी, बिहार के नौजवानों के सपनों को ऊंची उड़ान देने में मदद कर रहे हैं।
  • बिहार के कुछ लोग कभी ये कहते थे कि बिहार के नौजवानों पढ़-लिख कर क्या करोगे, उन्हें तो खेत में ही काम करना है। ऐसी सोच ने बिहार की प्रतिभाशाली युवाओं के साथ बहुत अन्याय किया है। इसी सोच की वजह से बिहार में बड़े शिक्षण संस्थाओं को खोलने के लिए ज्यादा काम ही नहीं किया गया था।
  • यही तो बिहार है, यही तो बिहार की अद्भुत क्षमता है। इसलिए, ये हमारा भी कर्तव्य है, और मैं तो कहूंगा कि कहीं न कहीं हमारे ऊपर बिहार का कर्ज है, कि हम बिहार की सेवा करें।
  •  बिहार की कला, यहां का संगीत, यहां का स्वादिष्ट खाना, इसकी तारीफ तो पूरे देश में होती ही है। आप किसी दूसरे राज्य में भी चले जाइए, बिहार की ताकत, बिहार के श्रम की छाप आपको हर राज्य के विकास में दिखेगी। बिहार का सहयोग सबके साथ है।
  • जब मैं कहता हूं कि बिहार देश की प्रतिभा का पावरहाउस है, ऊर्जा केंद्र है तो ये कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। बिहार के युवाओं की यहां की प्रतिभा का प्रभाव चारो तरफ है। भारत सरकार में भी बिहार के कितने बेटे-बेटियां हैं जो देश की सेवा कर रहे हैं।
  •  जो समाज में हाशिए पर थे, पीड़ित थे, वंचित थे, पिछड़े थे, अतिपिछड़े थे, उन्हें कोई पूछता नहीं था। उनके दु:ख, उनकी तकलीफों को देखकर भी नजरअंदाज कर दिया जाता था। लेकिन बिहार में अब ये अवधारणा बदल चुकी है।
  • एक समय था जब बिहार में एलपीजी गैस कनेक्शन होना बड़े संपन्न लोगों की निशानी होती था। एक-एक गैस कनेक्शन के लिए लोगों को सिफारिशें लगवानी पड़ती थीं। जिसके घर गैस होती थी, वो माना जाता था कि बहुत बड़े घर-परिवार से है।
  •  गैस कनेक्टिविटी से जहां एक तरफ फर्टिलाइजर, पावर और स्टील इंडस्ट्री की ऊर्जा बढ़ेगी वहीं दूसरी तरफ सीएनजी आधारित स्वच्छ यातायात और पाइप से सस्ती गैस आसानी से लोगों के किचन तक पहुंचेगी। इसी कड़ी में आज बिहार और झारखंड के अनेक जिलों में पाइप से सस्ती गैस देने की शुरुआत हुई है।
  • उज्जवला योजना की वजह से आज देश के आठ करोड़ गरीब परिवारों के पास भी गैस कनेक्शन मौजूद है। इस योजना से गरीब के जीवन में क्या परिवर्तन आया है, ये कोरोना के दौरान हम सभी ने फिर महसूस किया है।
  • एक समय था जब पूरे देश में और बिहार में एलपीजी गैस कनेक्शन होना बड़े संपन्न लोगों की निशानी होता था। एक एक गैस कनेक्शन के लिए लोगों को सिफारिशें लगवानी पड़ती थीं।… MP साहब के घर के बहार कतार लग जाती थी। जिसके घर गैस होती थी, वो माना जाता था कि बहुत बड़े घर-परिवार से है। जो समाज में हाशिए पर थे, पीड़ित थे, वंचित थे, पिछड़े थे, अतिपिछड़े थे, उन्हें कोई पूछता नहीं था। उनके दुख, उनकी तकलीफों को देखकर भी नजरअंदाज कर दिया जाता था।
  • लेकिन बिहार में अब ये अवधारणा बदल चुकी है। उज्जवला योजना के माध्यम से ही बिहार के करीब-करीब सवा करोड़ गरीब परिवारों को गैस का मुफ्त कनेक्शन दिया गया है। घर में गैस कनेक्शन ने बिहार के करोड़ों गरीबों का जीवन बदल दिया है।अब वो अपनी शक्ति खाना बनाने के लिए लकड़ी के इंतजाम में नहीं, बल्कि खुद को आगे बढ़ाने में लगा रहे हैं।
  • जब मैं कहता हूँ कि बिहार देश की प्रतिभा का पावरहाउस है, ऊर्जाकेंद्र है तो ये कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। बिहार के युवाओं की, यहाँ की प्रतिभा का प्रभाव सब जगह है। भारत सरकार में भी बिहार के ऐसे कितने ही बेटे-बेटियां हैं जो देश की सेवा कर रहे हैं, दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं।
  • पिछले 15 सालों में बिहार ने ये दिखाया भी है कि अगर सही सरकार हो, सही फैसले लिए जाएं, स्पष्ट नीति हो, तो विकास होता है और हर एक तक पहुंचता भी है। हम बिहार के हर एक सेक्टर के विकास को आगे बढ़ा रहे हैं, हर एक सेक्टर की समस्याओं के समाधान का प्रयास कर रहे हैं, ताकि बिहार विकास की नई उड़ान भरे। उतनी ऊंची उड़ान भरे जितना ऊंचा बिहार का सामर्थ्य है।
  • बिहार में कुछ लोग कभी ये कहते थे कि बिहार के नौजवानों को पढ़-लिखकर क्या करेंगे, उन्हें तो खेत में ही काम करना है। ऐसी सोच ने बिहार के प्रतिभाशाली युवाओं के साथ बहुत अन्नाय किया। इसी सोच की वजह से बिहार में बड़े शिक्षण संस्थानों को खोलने के लिए ज्यादा काम ही नहीं किया गया। नतीजा ये हुआ कि बिहार के नौजवान बाहर जाकर पढ़ाई करने के लिए, नौकरी करने के लिए मजबूर हो गए।
  • बिहार में बिजली की क्या स्थिति थी, ये भी जगजाहिर है। गांवों में दो-तीन घंटे बिजली आ गई तो भी बहुत माना जाता था। शहर में रहने वाले लोगों को भी 8-10 घंटे से ज्यादा बिजली नहीं मिलती थी। आज बिहार के गांवों में, शहरों में बिजली की उपलब्धता पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा हुई है।
  • पावर, पेट्रोलियम और गैस से जुड़े सेक्टर में जो आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है, जो रिफॉर्म्स लाए जा रहे हैं, वो लोगों का जीवन आसान बनाने के साथ-साथ उद्योगों और अर्थव्यवस्था को भी गति दे रहे हैं। कोरोना के इस कालखंड में अब एक बार फिर पेट्रोलियम से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्यों ने गति पकड़ ली है।
  • रिफाइनरी प्रोजेक्ट्स हों, Exploration या Production से जुड़े प्रोजेक्ट हों, pipelines हों, City Gas Distribution projects हों, ऐसे अनेकों प्रोजेक्ट्स या तो फिर से चालू हो चुके हैं या फिर नए शुरु किए गए हैं। इनकी संख्या कम नहीं है। ये 8 हजार से ज्यादा प्रोजेक्ट्स हैं, जिन पर आने वाले दिनों में 6 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि देश में, बिहार में गैस आधारित अर्थव्यवस्था के लिए कितने बड़े पैमाने पर काम चल रहा है।
  • इतना ही नहीं, इन प्रोजेक्ट्स में जितने लोग पहले काम कर रहे थे, वो वापस तो लौटे ही हैं, इनकी वजह से रोजगार के नए अवसरों की भी संभावनाएं बनी हैं। साथियों, इतनी बड़ी वैश्विक महामारी देश के प्रत्येक व्यक्ति के लिए परेशानियां लेकर आई है। लेकिन इन परेशानियों के बाद भी देश रुका नहीं है, बिहार रुका नहीं है, थमा नहीं है।
  • 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन प्रोजेक्ट से भी आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने में मदद मिलने वाली है। बिहार को, पूर्वी भारत को विकास का, आत्मविश्वास का अहम केंद्र बनाने के लिए हम सभी को तेजी से काम करते रहना है। इसी विश्वास के साथ सैकड़ों करोड़ की सुविधाओं के लिए फिर से पूरे बिहार को बहुत-बहुत बधाई। खासकर के, माताओं और बहनों का जीवन आसान होने वाला है इसलिए उनको अनेक अनेक बधाई देता हूँ ।
  • याद रखिएगा, कोरोना संक्रमण अभी भी हमारे बीच में मौजूद है। और इसलिए मैं बार बार कहता हूँ – जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं ! फिर से सुन लीजिये जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।
  • आप सतर्क रहेंगे तो बिहार स्वस्थ रहेगा, देश स्वस्थ रहेगा। मैं फिर एक बार आप सबको इन अनेक भेंट-सौगातों के साथ बिहार की विकास यात्रा में नई ऊर्जा के इस अवसर पर आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं  ।