कृषि विधेयक 2020 और कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 राज्यसभा में पेश हो गया है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ये बिल किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं. किसानों को अपनी फसल किसी भी स्थान से किसी भी स्थान पर मनचाही कीमत पर बेचने की स्वतंत्रता होगी. उन्होंने कहा कि बिलों के बारे में कई तरह की धारणाएं बनाई गई हैं. यह बिल एमएसपी से संबंधित नहीं है. प्रधानमंत्री ने भी ने कहा है कि एमएसपी जारी है और आगे भी जारी रहेगी. इन विधयको के माध्यम से किसानों के जीवन में बदलाव आएगा.
सरकार को कम से कम 122 वोट की जरूरत पड़ेगी
बहरहाल, इन विधेयकों को लेकर सरकार आश्वस्त है कि वो आसानी से इन्हें पास करा ले जाएगी. हालांकि सरकार के सामने बड़ी चुनौती है. इन विधेयकों के समर्थन में खड़ी पार्टियाों के राजसभा के अंकगणित पर ध्यान दें तो 245 सदस्यों की राज्यसभा में बीजेपी 86 सांसदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. हालांकि मौजूदा समय में 2 स्थान रिक्त हैं. ऐसे में राज्यसभा में इन तीनों बिलों को पास कराने के लिए सरकार को कम से कम 122 वोट की जरूरत पड़ेगी
कृषि से जुड़े विधेयक को राज्यसभा से पास कराने के लिए सरकार ने मोर्चाबंदी शुरू कर दी है. बीजेपी ने अपने सांसदों के लिए व्हिप भी जारी कर दिया है. इसके साथ विपक्षी पार्टियों को भी इस विधेयक के समर्थन में लाने के लिये केंद्र के बड़े मंत्री बातचीत में लग गए हैं.
राजनाथ सिंह ने विपक्षी दलों से की बात
सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शिवसेना और एनसीपी के नेताओं से फोन पर बात की और इन विधेयकों के पक्ष में आने की अपील की. संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है. ऐसे में महत्वपूर्ण विधेयक को पास कराने के लिए सरकार को विपक्ष पर आश्रित होना पड़ता है.
कृषि विधायक लोकसभा से पास
कृषि विधायकों को लोकसभा से पास कराने के बाद अब राज्यसभा की बारी है. यहां बिल पास कराना केंद्र सरकार के लिए एक चुनौती है. इन विधेयकों को लेकर एनडीए गठबंधन की सबसे पुरानी सहयोगी अकाली दल के विरोध की वजह से सरकार के लिए सदन के अंदर और बाहर मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.
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