मणिपुर में फिर बिगड़े हालात, पहाड़ी इलाकों में AFSPA छह महीने बढ़ाया गया

मणिपुर में एक बार फिर हालात बिगड़ गए हैं। राज्य में इंटरनेट से पाबंदी हटाए जाने के बाद दो लापता युवाओं की तस्वीरें सामने आई थीं।राज्य में दो लापता स्टूडेंट्स की हत्या के विरोध के बाद में हिंसा बढ़ गई है। 26 सितंबर को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई। जिसमें पुलिस को गोली चलानी पड़ी।बुधवार को लगातार दूसरे दिन भी प्रदर्शन हुआ। हजारों छात्र सड़क पर विरोध जताने उतरे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की जिसमें कुछ स्टूडेंट घायल हुए।

वहीं ITLF की महिला शाखा ने भी पांच महीने के दौरान आदिवासियों की हत्या और बलात्कार की CBI जांच के आदेश में देरी के खिलाफ चुराचांदपुर में प्रदर्शन किया।उधर स्टूडेंट की हत्या की जांच के लिए CBI आज इंफाल जाएगी। यह जानकारी मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने दी है। उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार साथ मिलकर काम कर रही हैं। दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। जल्द ही सभी आरोपियों की गिरफ्तारी होगी

इन दोनों के शव बरामद हुए थे। इसके बाद इलाके में एक बार फिर तनाव बढ़ गया। अब मणिपुर सरकार ने 19 थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरे राज्य को अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया है। पूरे राज्य में इंटरनेट पर भी पाबंदी लगा दी गई है।

पहाड़ी इलाकों में AFSPA अभी लागू रहेगा

मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में AFSPA अभी लागू रहेगा। सरकार ने इसे 1 अक्टूबर से छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। सिर्फ 19 थाना क्षेत्रों को इससे अलग रखा गया है। उनमें इंफाल, लेंफेल, सिटी, सिंग्जमेई, सेकमई, लामसांग, पत्सोई, वांगोई, पोरोमपट, हेंगेंग, लामलाई, इरिलबुंग, लेमखोंग, थोबुल, बिष्णुपुर, नांबोल, मोइरोंग, काकचिंग और जिरिबम शामिल हैं।