लैंड फॉर जॉब केस में बड़ी कार्रवाई, ED हिरासत में लालू परिवार का करीबी अमित कात्याल, तेजस्वी-राबड़ी के नाम की थी अपनी कंपनी

लैंड फॉर जॉब मामले में  ईडी ने लालू परिवार के करीबी अमित कात्याल को हिरासत में लिया है। ED ने शुक्रवार को जांच के दौरान ये कार्रवाई की है। एजेंसी की पूछताछ के लिए जारी किए गए समन से कात्याल करीब दो महीनों से बच रहे थे। ED के अधिकारियों ने उन्हें PMLA के प्रावधानों के तहत दिल्ली से हिरासत में लिया। कात्याल के कई ठिकानों पर ED ने मार्च में छापा मारा था।

 कात्याल राजद प्रमुख के करीबी सहयोगी होने के साथ-साथ एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक भी हैं। एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड इस मामले में कथित ‘‘लाभार्थी कंपनी’’ है और इसका रजिस्टर्ड ऑफिस दक्षिण दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित एक आवासीय भवन है, जिसका इस्तेमाल तेजस्वी करते हैं।

कारोबारी के जरिए लैंड फॉर जॉब का खेल

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो अमित कात्याल वही कारोबारी है जिसने राबड़ी देवी की सरकार में पटना के बिहटा में बीयर की फैक्ट्री लगाई थी। ED और CBI का आरोप है कि इसी कारोबारी के जरिए लैंड फॉर जॉब का खेल हुआ और कात्याल की करोड़ों की संपत्ति तेजस्वी के नाम कर दी गई।

अमित कात्याल की कंपनी ने बिहटा में  लगाई थी आइसबर्ग इंडस्ट्रीज बियर फैक्ट्री 

जांच एजेंसियों के मुताबिक राबड़ी देवी के शासनकाल में अमित कात्याल की कंपनी ने बिहटा में आइसबर्ग इंडस्ट्रीज बियर फैक्ट्री लगाई थी। बाद में इसी अमित कात्याल ने अपने नाम पर एके इन्फोसिस्टम कंपनी नामक कंपनी बनाई। इस कंपनी के नाम पर अकूत संपत्ति अर्जित की गई और फिर एक दिन अचानक से लालू परिवार इस कंपनी का मालिक हो गया।

600 करोड़ का घोटाला

लैंड फॉर जॉब्स केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कहा था कि यह 600 करोड़ का घोटाला है। जांच में पता चला है कि 350 करोड़ रुपए के प्लॉट और 250 करोड़ रुपए के लेनदेन हुए हैं। इस मामले में 24 जगह छापे मारे गए हैं। इनमें एक करोड़ कैश मिले हैं। रेलवे के विभिन्न जोन में से ग्रुप डी में 50% कैंडिडेट्स की भर्ती लालू परिवार के चुनावी क्षेत्रों से हुई है।