बिहार में यहां लगता है विश्व का सबसे बड़ा भूतों का मेला, पूरी रात तांत्रिक खेलते रहे भूत भगाने का खेल

बिहार समेत कई राज्यों में आज भी अंधविश्वास में लोग जीते हैं… लेकिन इसकी बानगी कार्तिक पूर्णिमा की रात बिहार के हाजीपुर के कौनहाराघाट घाट में देखने को मिला। यहां भूत भगाने का खेल पूरी रात कौनहाराघाट घाट पर चलता रहा। चौंकाने वाली तो यह है कि इस मेले को लेकर वैशाली जिला प्रशासन भी लगभग एक महीना से इस भूत के मेले के आयोजन के लिए लगातार मेहनत करती नजर आती है। विधि व्यवस्था में कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए पुलिसकर्मी हमेशा अलर्ट मोड पर रहते हैं।

पूरी रात चलती है भगत और ओझा की दुकान 

भूतों के मेले में आए लोगों ने कहा कि भूत को पकड़ने और भगाने के लिए भारी संख्या में भगत और ओझा भी इस मेले में पहुंचते हैं। जहां पर भगत और ओझा की दुकान पूरी रात चलती है।भूतों को पकड़ने और भगाने का दावा करने वाले ओझा भी इस मेले में बड़ी संख्या में आकर अपनी मंडली लगाते हैं। जगह-जगह ओझाओं की मंडली सजी होती है। जो अलग-अलग अनुष्ठान कर रहे होते हैं।  कहीं तो भूत भगाने के लिए महिलाओं को बालों से खींचा जाता है। तो कहीं छड़ी से पिटाई भी की जाती है।

हाजीपुर क ऐतिहासिक घाट है कोनहारा घाट 

बता दें कि हाजीपुर के कोनहारा घाट ऐतिहासिक घाट है। इस घाट पर स्वयं भगवान विष्णु ने अवतार लिया था। इस घाट पर गज और ग्राह की लड़ाई हुई थी। इसमें ग्राहक गज को पानी में खींचकर डुबो रहा था, तब गज भगवान विष्णु को याद किया और प्रार्थना किया तो भगवान विष्णु गज की रक्षा करने के लिए हाजीपुर के घाट पर अवतार लिए और गज और ग्राह की लड़ाई को खत्म कर और गज की भगवान विष्णु ने जान बचाई थी। पूरे मेले क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरा एवं भारी संख्या में पुलिस बल की भी तैनाती की गई थी। विभिन्न चौक चौराहे रेलवे स्टेशन सहित तमाम जगहों पर मजिस्ट्रेट एवं 800 पुलिसकर्मी की तैनाती जिला प्रशासन ने किया था। जिला प्रशासन द्वारा ड्रोन कैमरे से भी पूरे मेले पर नजर रखे जा रहे थे। वैशाली डीएम और एसपी खुद पूरे मेले की मॉनिटरिंग करने में कंट्रोल रूम में मौजूद थे। रात से लेकर आज सुबह तक पुलिस और प्रशासन के पदाधिकारी कौनहाराघाट पर बैठे रहे। बिहार के विभिन्न जिलों से लाखों की संख्या में पहुंचे। श्रद्धालु ने सुबह होते ही गंडक नदी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन डुबकी लगाई