उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में कैद 41 श्रमिक बाहर निकले की उम्मीद लगाए हैं। उन्हें बाहर निकालने की पूरी कोशिशें हो रही हैं लेकिन हर बार कोई न कोई बाधा आने से सफलता नहीं मिल रही।सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिल 36 मीटर तक की जा चुकी है।
रेस्क्यू ऑपरेशन जुड़े अधिकारियों के साथ करेंगे चर्चा
वहीं दूसरी तरफ प्रधान सचिव पीके मिश्रा, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला व मुख्य सचिव एसएस संधू बैठक के लिए मीटिंग हॉल की तरफ रवाना। बैठक में रेस्क्यू ऑपरेशन जुड़े अधिकारियों के साथ करेंगे चर्चा
फिर मैन्युअली ड्रिलिंग हो सकती है शुरू
16 दिन से फंसे 41 मजदूरों तक पहुंचने के लिए 86 मी. वर्टिकल ड्रिलिंग होनी है। इसमें अब तक 31 मीटर खुदाई हो चुकी है।उधर, सिल्क्यारा की तरफ से फंसी ऑगर मशीन को सोमवार सुबह काटकर बाहर निकाल लिया। रविवार 26 नवंबर शाम से इसे प्लाज्मा कटर से काटा जा रहा था। पूरी रात यह काम चला।भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स और मद्रास सैपर्स की यूनिट इस काम में जुटी थी। सुबह जैसे ही कामयाबी मिली, ये लोग खुशी झूम उठे। अब उम्मीद की जा रही है कि इस जगह से फिर मैन्युअली ड्रिलिंग शुरू हो सकती है।
वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन ने रविवार 26 नवंबर शाम 7:30 बजे तक पहाड़ से टनल में 1.2 मी. की गोलाई में अब तक 31 मी. की गहराई तक बोर किया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन को लीड कर रहे NHIDCL के एमडी महमूद अहमद ने बताया था कि ये मशीन 40 मी. वर्टिकल ड्रिल कर सकती है। इसके बाद बड़ी मशीन काम करेगी। इसमें 100 घंटे (30 नवंबर) तक लग सकते हैं।
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