हैरतंगेज: पुलिस ने पार किया बर्बरता की सारी हदें, एक व्यक्ति को जान से मरने के बाद उसका आंख तक फोड़ डाला, पुलिस कर्मियों पर दर्ज हुआ एफआईआर।

थाना क्षेत्र के अंबादाहा जंगल के पास सपही निवासी व ढिबरा व्यवसायी अर्जुन साव का शव बरामद होने के मामले में हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है। मृतक के पुत्र वीरेंद्र कुमार साव के आवेदन पर दर्ज प्राथमिकी में डोमचांच के थाना प्रभारी (अब निलंबित) शशिकांत कुमार, एसआइ विकास कुमार पासवान, एसआइ सतीश पांडेय, एसआइ नवीन होरो के खिलाफ नामजद प्राथमिकी करायी गयी है। इनके अलावा अन्य पर भी केस किया गया है। आवेदन में वीरेंद्र ने कहा है कि 13 अप्रैल की सुबह 3:30 बजे उनके पिता रिश्तेदार के यहां जाने के लिए बाइक से निकले थे।

इस दौरान नीरू पहाड़ी के पास बिना नंबर के वाहन पर आये थाना प्रभारी व अन्य पुलिस पदाधिकारियों ने उनके पिता के साथ मारपीट शुरू कर दी। वहां खड़े अन्य लोगों ने जब इसका विरोध किया, तो उनकी भी पिटाई की गयी। बाद में एक अन्य वाहन से चार पुलिसकर्मी आये और वे भी मारपीट करने लगे़ मारपीट के बीच ही चार-पांच ढिबरा वाहन वहां आया, तो थाना प्रभारी शशिकांत व सतीश पांडेय ने चार लाख रुपये लेकर उन्हें छोड़ दिया। बाद में एक अन्य ढिबरा लोड वाहन आया, जिसे पुलिस पकड़ कर थाना ले गयी।

मारपीट के दौरान इन लोगों ने मेरे पिता पर रॉड व बंदूक के कुंदा से वार किया। फिर ढोढाकोला की ओर दो किमी अंदर जंगल में ले जाकर मेरे पिता को जान से मार कर फेंक दिया। उनकी आंखें फोड़ दी। साक्ष्य मिटाने के लिए शव को जलाने की कोशिश की गयी। इससे पहले सतीश पांडेय ने मेरे पिता के पॉकेट से दस हजार रुपये भी निकाल लिया। नीरू पहाड़ी के पास खड़े लोगों ने पूरे वाक्या को देखा है। पुलिस ने धारा 302, 201 व 34 के तहत केस दर्ज किया है।