मानवीयता हुई शर्मशार अपनी ही बेटी के दुश्मन बन रहे मां बाप.. पुलिस भी बनी रह रही है मूकदर्शक….

ब‍िहार के बगहा के धनहा में नाबालिग किशोरियों का जबरन शादी कराने का एक नया मामला सामने आया है। यहां नाबालिग लड़कियों की खरीद फरोख्त कर शादी कराने वाले गिरोह का भांडाफोड हुआ है। यह गिरोह नाबालिग लड़कियों के परिजनों को बहला फुसला कर बरेली में शादी करने की नीयत से खरीद बिक्री करता का गैर कानूनी कार्य कर रहा था। मामले में ग्रामीणों ने मौसी, माता और दो दलाल सहित तीन आरोपियों को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया है। यह पूरा मामला तब प्रकाश में आया जब मामले की सूचना प्रिंसिपल ने एसडीएम को दी, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई।

प्रिंसिपल के सहयोग से कई मासूम को मिली नई जिंदगी….

धनहा थाना क्षेत्र के राजकीय उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय रुपही घघवा में वर्ग पांच में पढ़ रही नाबालिग लड़की के शादी का मामला तब उजागर हुआ जब मौसी और दो दलाल इसको बरेली ले जाने के लिए लड़की के घर पहुंचे। लड़की तीन दिनों से घर नहीं जा रही थी और उसने अपनी आपबीती स्‍कूल के प्र‍िंस‍िपल को सुनाई। बताया जाता है कि गण्डक दियारा पार के यूपी-बिहार सीमा से सटे इस इलाके में 20 से 25 लड़कियां इस तरह के मामले में शिकार हुई है। बरेली से इनका नेटवर्क पूरा गंडक पार के चारों प्रखंडों में फैला है। नाबालिग लड़कियों का लाखों में तस्करी कर बरेली में ले जाकर शादी करवाई जाती थी।

प्रशासन के खौफ के बगैर अपराधी धड़ले से चला रहे गैर कानूनी धंधा, ऐसे लोग मानवीयता के लिए हैं खतरा….

नेटवर्क से जुड़े कुछ लोग पैसे वसूल कर बड़ी उम्र के लड़कों से नाबालिग लड़कियों की शादी करवा रहे थे। यह शादी दलाल के माध्यम से कराई जाती थी। स्‍कूल के प्रिंसिपल विजेन्द्र कुमार पांडेय ने बताया कि विद्यालय में परीक्षा चल रही है। लगातार तीन दिन से वर्ग पांच की बच्ची परीक्षा में अनुपस्थित हो रही थी। जब उस बाबत उन्होंने अन्य बच्चों से पूछताछ की तो साथी बच्चों ने बताया कि उसकी शादी तय हो गई है, जबकि शिक्षक को अच्छी तरह से पता है की अभी बच्ची की उम्र 10 वर्ष है। 10 साल की उम्र में शादी होने की सूचना मिलते ही शिक्षक एक बच्चा को लेकर उस बच्ची के घर पहुंचे, तो माजरा कुछ और पता चला। फिर ग्रामीणों के सहयोग से दोनों दलालों को पकड़कर वह स्‍कूल लाए गए और इसकी जानकारी बगहा एसडीएम को दी गई।

बच्ची के हौसले के आगे अपराधियों के हौसले हुए पस्त…

इस मामले में एसडीएम के हस्तक्षेप के बाद मौके पर पुलिस पहुंची। वहीं लड़की ने बताया कि सोमवार को हमको मामा के घर बुलाने के लिए मौसी घर पर आई थी। मामा के घर बुलाने के बहाने हमारी शादी करने का प्लान किया गया था। इसकी भनक लगते ही तीन दिन से घर छोड़कर इधर-उधर छुप कर रह रही थी। उसने बताया कि मौसी और नाना दलालों से एक लाख रुपए का सौदा कर बाल विवाह कराने जा रहे थे, जबकि अभी उसे पढ़ाई करनी है। पीड़ित बच्ची का कहना है कि उसका भाई भी शादी के खिलाफ था जबकि घर में कोई सुनने को तैयार नही था।

गौरतलब है कि बच्ची के हौसले के आगे अपराधियों का गिरोह घुटने टेक गया। यही कारण है की अपराधी आज पुलिस की पकड़ में है। राज्य में प्रशासन से बेखौफ अपराधियों का दिन प्रतिदिन बढ़ता मनोबल राज्य के लिए वाकई चिंता का विषय है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि सुशासन बाबू के नाम से जाने जाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री इस पूरी घटना पर क्या कुछ कार्रवाई करते हैं और क्या नीतीश कुमार अपराधियों के गिरोह का शिकार हुई लड़कियों को वास्तविकता में न्याय दिला पाते हैं या उनको उनके हाल पर जीने के लिए छोड़ कुर्सी के शानो शौकत में व्यस्त हो जाते हैं।