पटना में EOU टीम की बड़ी करवाई, ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी करते हुए चार गिरफ्तार

राजधानी पटना के राजीव नगर से सोमवार को भी बिहार की ईओयू की टीम ने  एक शातिर को दबोचा है, जो सांस का सौदा कर रहा था। EOU ने यह करवाई एनआरआई गौतम भारद्वाज, जोकि अमेरिका के न्यूयॉर्क में रहते हैं की शिकायत पर करी। पकडे गए शख्स का नाम हर्ष राज बताया जा रहा है, इसके पास से आक्सीजन का एक बड़ा सिलेंडर बरामद हुआ है, साथ ही एक ई-रिक्शा भी जब्त किया गया है, जिसका इस्तेमाल यह शातिर सिलेंडर के ट्रांसपोर्टेशन के लिए कर रहा था। मूल रूप से मोतिहारी का रहने वाला हर्ष पटना के पटेल नगर इलाके में किराए पर रहता है। जानकारी के मुताबिक मोतिहारी में इसके पिता एक पत्रकार हैं। कोरोना की दूसरी लहर में यह कालाबाजारी का धंधा कर रहा था। यह अब तक पटना के लोगों से ऑक्सीजन के नाम पर लाखों की’ ठगी कर चुका था। ईओयू की टीम इसके कनेक्शन को खंगालने के साथ शाम होते-होते इसके साथियों का पता चला लिया। इस मामले में हर्ष, गौरी शंकर कुमार, रवि कुमार और राहुल कुमार को मिलाकर कुल 4 गिरफ्तारी हो गई है। अब टीम यह पता लगा रही है कि इनके पास जम्बो सिलेंडर कहां से आता था? इस काम में हर्ष की मदद कौन करता था? क्या इसका कनेक्शन किसी हॉस्पिटल स्टाफ से है या फिर गैस रिफिलिंग करने वाले किसी प्लांट से इसकी सेटिंग है? अब हर प्वाइंट पर ईओयू की टीम इस मामले को खंगाल रही है।

गौरतलब है कि हर्ष कोरोना पीड़ित परिवार की मजबूरी का जमकर फायदा उठा रहा था। इसने 85 हजार रुपए से लेकर 1 लाख 15 हजार रुपए तक में इसने आक्सीजन सिलेंडर बेचा है। एडीजी नैयर हसनैन खान ने बताया कि बैंक ऑफ़ बड़ौदा में इसका अकाउंट है। जिसे खंगालने पर पता चला कि पिछले 6 दिनों में इसके अकाउंट में 9 लाख से भी अधिक रुपए आए। उन्होंने कहा कि सारे  रुपए ऑक्सीजन की कालाबाजारी करके ही इसने कमाए हैं।

एनआरआई के शिकायत पर हुई कारवाई

एनआरआई गौतम भारद्वाज मूल रूप से पटना के नौबतपुर के रहने वाले हैं। परिवार के कुछ लोग कंकड़बाग इलाके में रहते हैं। इन्हें पहले परिवार के सदस्य की जान बचानी थी। इस कारण शातिर हर्ष की हर बात उनका परिवार मान गया। उसे उसकी मांगी हुई कीमत दे दी गई थी। 5 दिन पहले एनआरआई ने किसी तरह से ईओयू के एडीजी का मोबाइल नंबर निकाला। फिर उन्हें मैसेज किया। पूरी बात बताई। हर्ष का मोबाइल नंबर भी दिया। साथ ही यह भी बताया कि सोशल साइट्स की डीपी में उसकी फोटो एक पुलिस अफसर के साथ की है। इसके बाद ही डीएसपी भास्कर रंजन और रजनीश कुमार की टीम बनाई गई। जिसके बाद टीम पिछले 4 दिनों से हर्ष और उसके साथियों को ट्रैप करने में लगी हुई थी। आज महिला सब इंस्पेक्टर ने कस्टमर बन कर उससे बात की। जब हर्ष को यकीन हो गया कि उसे आक्सीजन की जरूरत है, तब वो सामने आने को तैयार हुआ। इसके बाद ही उसे पकड़ा गया। फिर उससे हुई पूछताछ और मिले सबूतों के आधार पर उसके बाकी के साथियों को गिरफ्तार किया गया। एडीजी के अनुसार इस मामले में अब उनकी टीम उन लोगों से भी मिलकर बात करेगी, जिन्होंने इससे आक्सीजन ब्लैक में खरीदा और अकाउंट में रुपए ट्रांसफर किए। ठगी के शिकार हुए कोरोना पीड़ित लोगों के परिवार को उनके रुपए वापस कराए जाएंगे।