मोदी जी मौजूदा ​सुविधा, जागरुकता के आभाव में भी देश ने दशकों पहले पोलियो टीकाकरण का विश्व रिकॉर्ड बनाया था, केंद्र की ज़िम्मेदारी है कि प्रत्येक नागरिक का समुचित टीकाकरण मुफ़्त करे: लालू यादव

इतिहास इस बात का साक्षी है कि बिहार बहुत ही लंबे समय से राजनीति के केंद्र में रहा है। इसे इसी तथ्य से समझा जा सकता है कि पिछले सात दशकों में भारत में जो महत्त्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव हुए हैं, बिहार की धरती उसकी जननी रही है। 1990 के दशक में बिहार न केवल मंडल-समर्थक और मंडल-विरोधी आंदोलन के केंद्र में था, 1975 में वह आपातकाल-विरोधी आंदोलन का भी केंद्र रहा जो “जेपी आंदोलन’ के नाम से जाना जाता है और जिसका नेतृत्व जयप्रकाश नारायण ने किया था जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू कर दिया था। यह बताना जरूरी है कि ब्रिटिश शासन के दौरान भी बिहार ने राजनीतिक बदलाव लाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की। हमारे इतिहास की पुस्तकों में जिसे चंपारण आंदोलन के नाम से जाना जाता है, नील की खेती करने वाले किसानों के शोषण के खिलाफ यह आंदोलन महात्मा गांधी ने 1917 में बिहार के चंपारण से शुरू किया जो कि बिहार के उत्तर-पूर्व में स्थित एक जिला है।

राजद सुप्रीमो लालू यादव न सिर्फ बिहार की सियासत का एक बड़ा चेहरा हैं बल्कि वे राष्ट्रीय राजनीति को लंबे अरसे तक प्रभावित करते रहे हैं। एक अरसे बाद जेल से रिहा होने के बाद लालू के आने से बिहार में  सियासत कोरोना काल में भी फिर परवाज़ चढ़ती दिखाई पड़ रही है़। रविवार का दिन बिहार की सियासत के गलियारों में बड़ा अहम् रहा। एक तरफ लालू की वर्चुअल मीटिंग तो दूसरी ओर नीतीश कुमार के लगातार 3 ट्वीट जिसकी गूँज बिहार की सियासत के गलियारों से निकलकर केंद्र तक को दस्तक देती दिखी।

जेल से निकलने के बाद एक बार फिर से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पूरी तरह एक्टिव मोड में दिखे। या यूँ कहें कि लालू यादव अपने पुराने रंग में लौट रहे हैं। बहरहाल राजद की एक खास रणनीति दिख रही है। पिछले लम्बे अरसे से  तेजस्वी नीतीश पर निशाना साध रहे है। अभी उन्होंने कोरोना टेस्टिंग एवं आकड़ों में गड़बड़ी का मुद्दा उठा रहे है। लालू प्रसाद यादव कोरोना टीकाकरण को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर हुए हैं। जेल से निकलने के बाद आज पहली बार लालू यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है।

कोरोना टीकाकरण की कछुआ चाल रफ्तार को लालू ने मुद्दा बनाया है। सोमवार को लालू ने टीकाकरण की धीमी रफ़्तार को लेकर नरेंद्र मोदी की सरकार पर हमला बोला और उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि “1996-97 में जब हम समाजवादियों की देश में जनता दल की सरकार थी जिसका मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष था, हमने पोलियो टीकाकरण का विश्व रिकॉर्ड बनाया था। उस वक्त आज जैसी सुविधा, जागरुकता भी नहीं थी फिर भी 07/12/96 को 11.74 करोड़ और 18/01/97 को 12.73 करोड़ शिशुओं को पोलियो का टीका दिया गया था।”

लालू ने आगे कहा कि “उस दौर में वैक्सीन के प्रति लोगों मे हिचकिचाहट व भ्रांतियाँ थी लेकिन संयुक्त मोर्चा सरकार ने दृढ़ निश्चय किया था कि पोलियो को जड़ से ख़त्म कर आने वाली नस्लों को इससे मुक्ति दिलायेंगे। आज दुःख होता है तथाकथित विश्वगुरु सरकार अपने नागरिकों को पैसे लेकर भी टीका उपलब्ध नहीं करा पा रही है।”

पीएम मोदी को चैलेंज करते हुए लालू ने लिखा कि “मैं प्रधानमंत्री जी से आग्रह करता हूँ कि इस जानलेवा महामारी में सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत पूरे देशवासियों को निःशुल्क टीका देने का ऐलान करें। राज्य और केंद्र की क़ीमत अलग-अलग नहीं होना चाहिए।ये केंद्र की ज़िम्मेदारी है कि प्रत्येक नागरिक का समुचित टीकाकरण मुफ़्त में हो।”