न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर मस्जिद में हुए हमला मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है। कोर्ट ने 51 लोगों के हत्यारे ब्रेंटन टैरंट को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि कैद के दौरान आरोपी को पैरोल भी नहीं दी जाएगी। आपको बता दें कि क्राइस्टचर्च शहर में दो मस्जिदों के बाहर अपराधियों ने हमला कर दिया था।
91 लोग थे इस हमले की गवाह
कोर्ट ने ऑस्ट्रेलियाई नागरिक टैरंट को 51 लोगों की हत्या का आरोपी माना। सुनवाई के दौरान टैरंट बिना हिले-डुले बैठा रहा और अपने खिलाफ गवाहों के बयानों को सुनता रहा। कुल 91 लोग इस हमले के गवाह थे और उन्होंने अपने खास लोगों को गंवाने को लेकर कोर्ट में बेहद ही मार्मिक बयान दिया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार इस शख्स की वजह से उनके अपनों को उनकी आंखों के सामने ही जुदा होना पड़ा।
गुरुवार को सुनवाई के दौरान क्राउन सॉलिसिटर ने आरोपी के लिए आजीवन कारावस की सजा और इस दौरान उसे पैरोल भी नहीं दी जाने की मांग की। वहीं, न्यायाधीश कैमरन मंडेर ने आरोपी को जेल में बंद कर उसकी चाबी को फेंकने पर सहमति व्यक्त की।
क्या था मामला?
15 मार्च 2019 को 28 साल के ब्रेंटन ने अल-नूर और लिनवुड मस्जिद में नमाज के दौरान लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चला दी थीं। पिछले साल हुए इस हमले में ब्रेंटन ने 51 लोगों की जान ले ली थी। इनमें 8 भारतीय भी शामिल थे। हालांकि उसे पुलिस ने हमले के 21 मिनट बाद गिरफ्तार कर लिया था।
दोषी टैरंट ने इस नरसंहार का फेसबुक पर लाइव वीडियो भी जारी किया था, जो वायरल होकर एक अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी देखा गया था। यह हमला इतना भयावह था कि इसने देश के पूरे मुस्लिम समुदाय को हिलाकर रख दिया था, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय और स्थानीय लोगों ने प्रभावितों के साथ एकजुटता दिखाई थी। हमले के दौरान 50 से ज्यादा लोग जख्मी भी हुए थे। इसमें बांग्लादेश क्रिकेट टीम के खिलाड़ी भी बाल-बाल बच गए थे।
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