वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण को केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश कर दिया है। इस बीच सर्वेक्षण के आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले वित्त वर्ष में विकास दर 6.5 फीसदी के बीच रह सकती है। साथ हीं समीक्षा में यह भी कहा गया कि वित्तीय मोर्चे पर अगले साल भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
आर्थिक सर्वेक्षण की बड़ी बातें…
- चालू वित्त वर्ष में कर संग्रह में कमी हो सकती है।
- जीएसटी से सरकार को संग्रह बढ़ने की उम्मीद है, लेकिन इसके बारे में किसी तरह की स्पष्टता नहीं है।
- आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में विकास दर पांच फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी।
- विश्व में भारत प्रमुख देशों में गिना जाने लगा है।
- मांग बढ़ाने के लिए कई सारे उपाय सरकार को करने होंगे, ताकि सुस्ती से निकला जा सके।
- सर्वे में कहा गया है कि ग्रोथ को बढ़ाने के लिए कई नियमों में ढील देने पड़ेगी।
- ग्लोबल ग्रोथ में कमजोरी से भारत भी प्रभावित हो रहा है।
- फाइनेंशियल सेक्टर की दिक्कतों के चलते निवेश में कमी की वजह से भी चालू वित्त वर्ष में ग्रोथ घटी।
- छह महीने में मुख्य आर्थिक सलाहकार ने तैयार किया आर्थिक सर्वेक्षण
- इस आर्थिक सर्वेक्षण को मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन की टीम ने मात्र छह माह में तैयार किया है।
- आर्थिक सर्वेक्षण से पता चलता है कि बीते साल में आर्थिक मोर्चे पर देश का क्या हाल रहा। आर्थिक सर्वे के जरिए मुख्य
- आर्थिक सलाहकार सरकार को सुझाव भी देते हैं, ताकि इकोनॉमी के लक्ष्यों को हासिल किया जा सके।
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