
‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (SEC) की मीटिंग को लेकर डिटेल रिपोर्ट प्रकाशित की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, SEC ने कोवैक्सिन के प्रतिबंधित इस्तेमाल की मंजूरी को 2 जनवरी को पास किया था। इसके अगले ही दिन यानी 3 जनवरी को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के सीडीएससीओ डॉ. वीके सोमानी ने कोवैक्सीन के कैंडिडेट पर इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी। SEC पैनल ने हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक के बनाए गए कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी। पैनल ने कहा था कि नए म्यूटेड कोरोना वायरस संक्रमण की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर भारत बायोटेक की वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल मोड पर इमरजेंसी इस्तेमाल किया जा सकता है। गौरतलब है कि तब लाभार्थियों को एक फॉर्म भरते हुए बताना था कि क्या उन्हें किसी प्रकार की एलर्जी है, क्योंकि उस समय कंपनी ने सुझाव दिया था कि अगर किसी को एलर्जी है तो वो वैक्सीन न लें। हालांकि भारत बायोटेक की तरफ से अधिक डेटा देने के बाद वैक्सीन को क्लिनिकल ट्रायल मोड से हटा दिया गया था।
तो, क्या एलर्जी वाले लोग अब कोवैक्सिन ले सकते हैं?
वैक्सीन का नाम बताए बिना नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि अगर किसी को एलर्जी की गंभीर समस्या है, तो वैक्सीन लगवाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर है, लेकिन अगर ये त्वचा की एक आम एलर्जी की समस्या है, तो कोई भी कोविड-19 वैक्सीन लेने में संकोच नहीं करना चाहिए।
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