नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन 23वें दिन भी जारी है. किसान मोदी सरकार की ओर से लाए गए तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी. किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के दयाल सिंह ने बताया, “सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है उसमें हम यकीन नहीं रखते. अगर सरकार बातचीत करके काले कानून वापस लेती है तो ठीक, नहीं तो हम ये मोर्चा नहीं छोड़ेंगे.भारतीय किसान मोर्चा के दयाल सिंह कहते हैं कि पीएम मोदी को किसानों से बात करनी चाहिए और कानूनों को वापस लेना चाहिए। हम इन कानूनों के खिलाफ अपनी लड़ाई नहीं छोड़ेंगे।
अन्नदाताओं की मांगों का समर्थन
चिपको आंदोलन शुरू कर एक नई क्रांति लाने वाले नेता सुंदरलाल बहुगुणा भी किसानों के समर्थन में उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि वह अन्नदाताओं की मांगों का समर्थन करते हैं।
कमेटी बनाना समस्या का हल नहीं
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव श्रवण सिंह पंढेर ने कहा कि कमेटी बनाना समस्या का हल नहीं है, पहले भी किसानों ने छोटी कमेटी बनाने से इनकार किया था। तोमर जी ने कल जो चिट्ठी लिखी है वो देश को भ्रमित करने वाली है, उसमें कुछ नया नहीं है। कुछ नया होता तो हम उस पर टिप्पणी करते
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