नई दिल्ली. नागरिक विमानन मंत्रालय (Civil Aviation Ministry) ने कोरोना वायरस महामारी के बाद घरेलू उड़ानों पर लगाई पाबंदी में राहत देते हुए, यात्रियों की क्षमता को लेकर को लेकर कहा है कि लागू पाबंदियां हटा ली जाएंगी.
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दरअसल, मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, अब 18 अक्टूबर 2021 से घरेलू व्यावसायिक उड़ानों (Domestic Commercial Flights) में यात्रियों की क्षमता को लेकर लागू पाबंदियां हटा ली जाएंगी. आसान शब्दों में समझें तो अब घरेलू कमर्शियल फ्लाइट्स अपनी पूरी क्षमता के साथ उड़ान (Full Capacity Flights) भर सकेंगी.
कोविड प्रोटोकॉल का करना होगा सख्ती से पालन
केंद्र सरकार ने सितंबर 2021 में घरेलू उड़ानों की यात्री क्षमता 72.5 फीसदी से बढ़ाकर 85 फीसदी कर दी थी. अब अगले सप्ताह से पूरी क्षमता के साथ देश में उड़ानों का संचालन किया जाएगा. पूरी क्षमता से उड़ानों के संचालन की इजाजत देने के साथ ही मंत्रालय ने एयरलाइंस व एयरपोर्ट ऑपरेटर्स से कहा है कि कोविड-19 को फैलने से रोकने के सभी उपाय सुनिश्चित किए जाएं. साथ ही यात्रा के दौरान कोविड अनुकूल व्यवहार का सख्ती से पालन कराया जाए.
अगस्त 2021 से यात्रियों की संख्या में हुआ इजाफा
सितंबर 2021 के शुरुआती छह दिन में रोजाना 2 लाख लोगों ने हवाई यात्रा की. यही नहीं, अगस्त 2021 में भी इसी तरह के आंकड़े देखने को मिले थे. अगस्त में देश में 57,498 फ्लाइट्स में 65,26,753 लोगों ने हवाई यात्रा की, जो जुलाई 2021 से 33 फीसदी ज्यादा है. कोविड-19 के मामलों में गिरावट के बाद केंद्र ने अगस्त से हवाई यात्रा के नियमों में ढील का ऐलान किया था. वहीं, केंद्र सरकार 21 जून और 13 अगस्त 2021 को घरेलू उड़ानों के किराये में बढ़ोतरी का ऐलान भी कर चुकी है.
एयरलाइंस को 15 दिन किराया तय करने की छूट
केंद्र सरकार ने सितंबर 2021 में एयरलाइंस को बड़ी राहत देते हुए महीने में 15 दिन का किराया अपने अनुसार तय करने की छूट दे दी थी. बाकी 15 दिन का किराया उन्हें सरकार की ओर से तय किए गए प्राइस बैंड के अनुसार ही लेना होगा. किराये के प्राइस बैंड के तहत सरकार अब तक सबसे कम और सबसे ज्यादा किराये की लिमिट तय कर रही थी, लेकिन अब इसमें छूट दी गई है. बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के कारण एविएशन सेक्टर पर सबसे बुरा असर पड़ा है. साल 2020 के दौरान विमान सेवाओं का संचालन पूरी तरह से रोक दिया गया था. कई महीने तक सेवा बंद रहने के बाद घरेलू उड़ान सेवाएं शुरू तो हुईं, लेकिन यात्री संख्या को 50 फीसदी कर दिया गया था.
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