मोरबी पुल हादसे में जाल में फंसने लगी बडी मछलियां, नगर निकाय प्रमुख से पुलिस ने चार घंटे कि पुछताछ…….

गुजरात में हुए मोरबी पुल हादसे को लेकर गुजरात पुलिस हरकत में नजर आ रही है। विपक्ष के दबाव और सरकार पर उठ रहे लगातार सवालों के बीच इस मामले को लेकर जांच को तेज कर दिया गया है।  इसी को लेकर मोरबी शहर के नगर निकाय प्रमुख से पुलिस ने चार घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान नगर निगम के चीफ संदीप सिंह जाला से पुल के नवीनीकरण के लिए गुजरात स्थित घड़ी निर्माता ओरेवा के साथ किए गए समझौते को लेकर सवाल किए गए। एक स्थानीय अदालत में जमा किए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि मरम्मत कार्य के लिए किराए पर लिए गए ठेकेदार ऐसे काम के लिए योग्य नहीं थे। उप-ठेकेदार ने केवल नवीनीकरण के लिए केबलों को पेंट और पॉलिश किया। इस फर्म को पूरी तरह से अयोग्य घोषित किया गया था। इसे 2007 में भी एक कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था। पुलिस ने जाला से पूछताछ के दौरान सवाल किया कि क्या ओरेवा के साथ समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान नगर निकाय ने यह निर्धारित किया था कि सुरक्षा से समझौता किए बिना पुल कितने लोगों की क्षमता रखता है।

बडी मछलियां अब भी पहुंच से हैं दूर….

जांचकर्ताओं ने इस मामले को लेकर कहा कि बिना किसी बोली प्रक्रिया के सीधे ओरेवा के साथ कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किए गए थे। वहीं, मामले में अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड सहित ओरेवा ग्रुप में टॉप पर बैठे लोगों को गिरफ्तार न किए जाने पर पुलिस की आलोचना भी हो रही है। मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए नौ लोग ओरेवा के कुछ कर्मचारी और सुरक्षा गार्ड हैं, जिन्हें पुल पर भीड़ को नियंत्रित करने का काम सौंपा गया था। विपक्ष ने भी इसे लेकर सता पक्ष से कई सवाल दागे हैं।

दोषी पाए जाने वाले हर आरोपी के खिलाफ कि जाएगी कारवाई……

हालांकि, पुलिस ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि वह किसी को बचाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं, लेकिन वास्तव में नगर निकाय और एक ऐसी फर्म के बीच हुए समझौते की जड़ का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे इस तरह की परियोजना का कोई अनुभव नहीं था। मोरबी के पुलिस प्रमुख राहुल त्रिपाठी ने बताया कि वह हर पहलू की जांच कर रहे हैं। हम घटना की शुरुआत से लेकर घटना होने तक हर बारे में पता लगा रहे हैं। दोषी पाए जाने वाले सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

पुल को लेकर कई बड़े खुलासे 

बता दें, गुजरात के मोरबी पुल हादसे में लगभग 140 से ज्यादा लोगों की मौत हुई और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए। इस हादसे को लेकर पीएम मोदी ने दुख जताया था। हादसे में कई परिवार उजड़ गए। पुल को लेकर कई बातें सामने आई हैं। इस पुल को सरकार से बिना अनुमति लिए रेनोवेशन के बाद खोल दिया गया। यह भी खुलासा हुआ है कि ठेकेदार ऐसे काम के लिए योग्य नहीं था।