बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे सियासी दलों और नेताओं की तैयारी तेज होती जा रही है। सभी दल कमर कसने लगे हैं। भाजपा वर्चुअल रैलियों के माध्यम से जनता तक पहुंचने की कवायद में जुटी है, तो राज्य की बाकी पार्टियां भी लोगों तक पहुंचने के लिए अपने-अपने स्तर पर कार्य कर रही हैं। वहीं, भाजपा के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा आज राजधानी पटना में एक नए मोर्चे का एलान कर सकते हैं।
एनडीए सरकार की विफलता को बतायेगी यह मोर्चा-सूत्र
बताया जा रहा है कि सिन्हा के नेतृत्व में यह मोर्चा नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार की कथित विफलता के बारे में पूरे राज्य में संपर्क अभियान चलाएगा। यशवंत सिन्हा से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह आगे की रणनीति को लेकर पटना में एलान करेंगे। हालांकि, जब उनसे मोर्चे के स्वरूप को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।
ये दिग्गज हो सकते हैं शामिल
वहीं सूत्रों ने बताया कि पूर्व सांसद देवेंद्र यादव, पूर्व विधायक नागमणि, बिहार विधानसभा के पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी, पूर्व सांसद और दलित नेता पूर्णमासी राम, जनता दल (राष्ट्रवादी) के संस्थापक अशफाक रहमान, अनिल कुमार, लोजपा (एस) अध्यक्ष सत्यानंद शर्मा, पूर्व विधायक सिद्धनाथ राय सहित बिहार के कई प्रमुख नेता इस मोर्चे में शामिल हो सकते हैं। सिन्हा आम चुनाव से पहले भी देश में नए मोर्चे के गठन की कोशिश कर चुके हैं।
महागठबंधन की मुश्किल
उधर, बिहार में विपक्षी महागठबंधन में परेशानी कम नहीं हो रही। गठबंधन के छोटे दलों ने कांग्रेस के आग्रह पर और सात दिनों का वक्त दिया कि वह गठबंधन के अंदर एक कोऑर्डिनेशन कमिटी का गठन करे और अगर ऐसा करने में वह विफल रहती है तो वे अपने सारे विकल्प खुला रखेंगे।
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