केंद्र में मंत्री न बन पाने के गुस्से में ललन सिंह ने लालू से मिलाया हाथ- सुशील मोदी

पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि केंद्र में मंत्री नहीं बनाये जाने के गुस्से में बदला लेने के भाव से ललन सिंह ने लालू प्रसाद से नजदीकी बढायी, भाजपा से गठबंधन तोड़वाया, आरसीपी सिंह को पार्टी से निकलवाया और जदयू को लगभग बर्बाद कर दिया। सारा खेल कुर्सी का था।

मोदी ने कहा कि भले ही ललन सिंह सच से इनकार करें और मीडिया को कानूनी कार्रवाई की धमकी दें, लेकिन मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री नहीं बन पाने की हताशा से वे उबर नहीं पाए। उनके पूरी राजनीति प्रतिशोध से भरी रही। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद को जिस चारा घोटाला के चार मामलों में सजाएँ हुईं और वे चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिये गए, उस मामले में याचिकाकर्ता ललन सिंह भी थे।

मोदी ने कहा कि लालू परिवार के विरुद्ध नौकरी के बदले जमीन मामले में सारे दस्तावेजी सबूत ललन सिंह ने ही तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह तक पहुँचाये थे। सीबीआई उसी के आधार पर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि जो ललन सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जानकारी में लालू प्रसाद को जेल भिजवाने के लिए सारे तिकड़म कर रहे थे, वही जुलाई-अगस्त 2022 से लालू प्रसाद के इतने करीब क्यों होते चले गए?

मोदी ने कहा कि ललन सिंह ने नीतीश कुमार को भ्रमित कर एनडीए तोड़ा, भाजपा के विरुद्ध जहर फैलाया और जदयू के कई कद्दावर नेताओं को किनारे लगा दिया। उन्होंने कहा कि यदि ललन सिंह की राजनीति से पार्टी का आम कार्यकर्ता संतुष्ट होता, तो उनके हटने पर दीवाली नहीं मनायी जाती।

मोदी ने कहा कि भाजपा ने 2019 और 2020 के चुनाव जदयू को साथ लेकर लड़े थे, इसलिए जदयू के अधिकतर विधायक-सांसद राजद से नहीं, भाजपा से गठबंधन के पक्ष में थे, लेकिन ललन सिंह के डर से वे बोल नहीं पाते थे। उन्होने कहा कि ललन सिंह का भीतरघात एक्सपोज हो गया, जिससे जदयू को चुनाव से पहले अपना संगठन ठीक करने और लालू-वायरस से मुक्ति पाने का समय मिल जाएगा। सुशील मोदी ने कहा कि ललन सिंह हटे नहीं, हटाये गए, लेकिन सच छिपाने के लिए वे संसदीय क्षेत्र में समय देने के लिए अध्यक्ष-पद छोड़ने की बात कह रहे हैं। इस पर कौन भरोसा करेगा?