खुद की हिफाजत में फेल दिखी बिहार पुलिस, पुलिस पर उठ रहे हैं कई सवाल।

मुजफ्फरपुर से 22 साल पहले लूटी गई एके-47, कारबाइन, एसएलआर, इंसास और पिस्टल का अबतक सुराग नहीं मिल सका है। हैरत की बात है कि पुलिस महकमे को यह भी पता नहीं है कि इस केस की प्रगति क्या है। इन कांडों के आरोपित कौन हैं। थाने से केस फाइल भी गायब हैं।

एसएसपी के निर्देश पर इन कांडों की फाइलों को खोजा जा रहा है, लेकिन कई दिनों की तलाशी के बावजूद अबतक फाइल कहां और किस पदाधिकारी के पास है, इसकी जानकारी नहीं हो सकी है। लंबित केसों को कम करने के लिए एसएसपी अपने स्तर से पुरानी फाइलों की समीक्षा कर रहे हैं। इस क्रम में पुलिस से हथियार लूटकांड की फाइलों को तलब किया है। इसके बाद से इन फाइलों को खोजा जा रहा है। इसे लेकर कई चर्चांएं भी हैं। बताया जा रहा है कि इन कांडों का आईओ ने पॉकेट डिस्पोजल तो नहीं कर दिया। अब कोर्ट या वरीय पुलिस पदाधिकारी के कार्यालय में इसकी खोजबीन की जाएगी। इसके बाद स्थिति स्पष्ट होगी। एसएसपी ने बताया कि हथियार लूटकांडों की समीक्षा होनी है। थानों से अद्यतन रिपोर्ट मांगी गई है।


बता दें वर्ष 2019 में हवलदार मलेश्वर राम को बाइक सवार अपराधियों ने गोली मारकर उनसे कारबाइन लूट ली थी। इस वारदात में मलेश्वर राम की मौत इलाज के दौरान हो गई थी। इस घटना के बाद पुलिस पर भी कई सवाल उठे थे। सकरा पुलिस अबतक न तो कारबाइन बरामद कर सकी है और ना ही लुटेरों को दबोच सकी है। फिलहाल, मामला जांच के लिए लंबित है।

2000 के दिसंबर में कटरा के पहसौल पिकेट पर हमला कर नक्सलियों ने छह एसएलआर, एक स्टेनगन और एक कारबाइन लूट ली थी। कटरा थाने में बीएमपी के जवानों ने 19 दिसंबर 2000 को केस कराया था। इसके बाद बीएमपी छह वर्तमान में बीएसएपी छह से वर्ष 2001 में पुलिस के चार एके-47, एक एसएलआर, एक पिस्टल और एक इंसास रायफल की चोरी हुई थी ।