गंडक नदी में भारी उफान 5 साल बाद, कईजिलों में बाढ़ का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ा……..

जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि गंडक नदी में बढ़े जलस्तर पर जल संसाधन विभाग पूरी तरह अलर्ट है। अगले तीन दिन काफी महत्वपूर्ण हैं। पूरे तंत्र को अलर्ट रहने की जरूरत है।

नेपाल में जबरदस्त बारिश के पानी से बाद……

बिहार में गंडक नदी में भारी उफान है। नदी में पिछले पांच सालों से सर्वाधिक पानी है। इसके बाद कई इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है। लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं। बड़ी संख्या में लोगों ने आस-पास के गांवों में शरण ली है। खासकर गोपालगंज जिले की स्थिति अधिक खराब है। पश्चिमी और पूर्वी चंपारण पर भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बाघमति, अधवाड़ा, कमला बलान समेत उत्तर बिहार की कई और नदियों का जलस्तर भी इसके कारण बढ़ रहा है। जल संसाधन विभाग ने सभी क्षेत्रीय इंजीनियरों को अलर्ट करते हुए गंडक तटबंधों की दिन-रात चौकसी शुरू कर दी है। रात्रिकालीन पेट्रोलिंग भी की जा रही है।

गंडक नदी में शुक्रवार को 4.45 लाख क्यूसेक पानी आ गया। यह 2017 के बाद सर्वाधिक है। नदी के जलग्रहण क्षेत्र में पिछले 48 घंटो से जमकर बारिश हो रही है। यहां पोखरा में इस दौरान लगभग 200 मिलीमीटर जबकि भैरवा में 170 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई। इतनी बारिश के बाद नदी में अचानक पानी का सैलाब आ गया। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गंडक नदी के वाल्मीकिनगर बराज के सारे 36 फाटक गुरुवार को ही खोल दिए गए। इसके बावजूद पानी की मात्रा लगातार बढ़ती ही रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को गंडक बराज में बाढ़ की स्थिति का जायजा भी लिया।

गंडक नदी में अचानक बढ़ा पानी…..

नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के बाद तटबंधों पर भारी दबाव पैदा हो गया है। कुछ स्थानों पर स्पर क्षतिग्रस्त होने की भी खबर है। दो स्परों पर कटाव के बाद उनकी युद्धस्तर पर मरम्मत की जा रही है। जल संसाधन विभाग का दावा है कि सारी स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। तटबंध पर दबाव है, लेकिन उसकी निगरानी की जा रही है। रात में भी इंजीनियरों को सुरक्षाकर्मियों के साथ पेट्रोलिंग करने को कहा गया है।

48 घंटे पहले गंडक नदी में मात्र 48 हजार क्यूसेक पानी था। लेकिन नेपाल में बारिश के बाद इसका जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा। 24 घंटे पहले इसका जलस्तर दो लाख क्यूसेक को पार कर गया और आज यह 4.45 लाख क्यूसेक के ऊपर पहुंच गया।

गंडकन नदी वाल्मीकिनगर से बिहार में प्रवेश करती है और सारण में गंगा में मिलती है। यह नदी पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, वैशाली, मुजफ्फरपुर और सारण जिले से होकर बहती है।

सर्वाधिक जलस्तर:
वर्ष          जलस्तर
2022    4.45     लाख क्यूसेक
2021    4.12  लाख क्यूसेक
2020    4.36  लाख क्यूसेक
2019    2.15  लाख क्यूसेक
2018    1.89  लाख क्यूसेक
2017    5.24  लाख क्यूसेक

गंडक के पानी से कई जिलों में बाढ़ का खतरा……

गोपालगंज के बैकुंठपुर, गोपालगंज सदर, मांझागढ़, सिधवलिया, बरौली व बैकुंठपुर के तटवर्ती 45 गांवों में बाढ़ आने की आशंका है। उधर सदर प्रखंड के जागीरी टोला, रामनगर, कटघरवा, मकसूदपुर, मेहंदिया आदि गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। चार सड़कों पर दो से तीन फीट पानी बह रहा है। आंगनबाड़ी केंद्र व स्कूल में पानी घुस गया है। बाढ़ प्रभावित अंचलों में प्रशासन की ओर ग्रामीणों से सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की अपील की जा रही है। शनिवार को स्थिति विकट होने की आशंका है। बरौली प्रखंड के सिकटिया में स्लुइस गेट के समीप रिसाव हो रहा है। वहीं रिंग बांध करीब एक मीटर में धंस गया है। वहां जल संसाधन विभाग के पदाधिकारी कैंप कर निरोधात्मक कार्य करा रहे हैं।

बगहा शहर समेत पश्चिम चंपारण के कई प्रखंडों के दर्जनों गांवों में गंडक का पानी घुस गया है। वाल्मीकिनगर के चकदहवा एसएसबी कैंप और कान्ही टोला के छह सौ से अधिक घरों में गंडक का पानी घुस गया है। लोग मचान बनाकर समय काट रहे हैं। चकदहवा के ग्रामीण अनाज और पशुओं को लेकर ऊंचे स्थलों की तरफ पलायन कर रहे हैं। बगहा में शुक्रवार दोपहर तक कैलाश नगर व मलकौली के कालीघाट मोहल्ले में गंडक का पानी प्रवेश कर रहा था। कैलाश नगर के गोलाघाट के समीप गंडक नदी की तेज धारा के कारण तटबंध क्षतिग्रस्त हो गया है। इसके चलते कैलाश नगर के वार्ड 4 में पानी घुस रहा है। उधर, पिपरासी प्रखंड की सेमरा लवेदाहा पंचायत के कांटी टोला, भैसाहिया में गंडक का पानी फैल गया है। दोनों गांवों के दो दर्जन से अधिक घरों बाढ़ का पानी भर गया है।

दूसरी नदियां भी उफान पर……

नरकटियागंज प्रखंड से बहने वाली पंडई, मनियारी, द्वारदह, जमुआ, डैनी, गंगुली एवं हड़बोड़ा सहित छोटी-बड़ी सभी नदियों का जलस्तर एकाएक बढ़ गया है। बाढ़ का पानी इन नदियों से सटे गांवों के सरेह में तेजी से फैल रहा है। पंडई नदी के पानी में बलुआ, श्रीरामपुर, मझरिया, मुरली भरहवा , दहाड़वा टोला, हरदी टेढ़ा, खेखरिया टोला सरेह में धान की फसल फिर से डूब गई है। बैरिया प्रखंड के बैजुआ, सूर्यपुर, मुसहर टोली मे भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।

वहीं, सिकटा प्रखंड में सिकटा व करताहा नदी में नेपाल से आए पानी के कारण बाढ़ की स्थिति है। इलाके की ओरिया, सदभांवका, धुतहां, माजर नदियां भी पानी से लबालब भर गयी हैं। सिकटा नदी का पानी सिकटा जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में घुस गया है। सिकटा गांव के रास्ते होकर रक्सौल जाने वाले पथ पर लगभग ढाई फीट पानी बह रहा है। हरिपुर पुरैनिया गांव भी चारो तरफ पानी से घिर गया है।

पूर्वी चंपारण के संग्रामपुर प्रखंड में गंडक तटवर्ती पुछरिया, इजरा, संग्रामपुर बिनटोली, पुछरिया व भवानीपुर मलाही टोला बाढ़ से प्रभावित हैं। पुछरिया गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने वाली तीनों सड़क पर दो से तीन फीट बाढ़ का पानी बह रहा है। इससे आवागमन प्रभावित हो रहा है। पुछरिया गांव के निचले हिस्से में लोगों के घरों में पानी घुसने लगा है। दक्षिणी भवानीपुर पंचायत के मुखिया गोपाजी सहनी ने बताया कि भवानीपुर मलाही टोला में 50 परिवारों के बाढ़ के पानी से प्रभावित होने का खतरा है। सीओ सुरेश पासवान ने बताया कि गंडक नदी में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए किनारे बसे गांव के ग्रामीणों को हाई अलर्ट कर दिया गया है। तटवर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों को सतर्क व सुरक्षित रहने की सलाह दी गई है।

जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि गंडक नदी में बढ़े जलस्तर पर जल संसाधन विभाग पूरी तरह अलर्ट है। अगले तीन दिन काफी महत्वपूर्ण हैं। पूरे तंत्र को अलर्ट रहने की जरूरत है। जल संसाधन विभाग इसकी 24 घंटे मॉनिटरिंग कर रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी पूरी जानकारी ली है।