SPECIAL REPORT : पटना के दुकानदारों को ‘रवीश ब्रांड’ पिचकारी से नहीं मिल रही TRP

देखिए प्राइम टाइम। एनडीटीवी के लोगो पर, रवीश कुमार के साथ, लेकिन टीवी पर नहीं बल्कि पटना के बाजार में।

जी हां पटना के बाजार में इस होली रवीश कुमार की तस्वीर के साथ एनडीटीवी के लोगोनुमा पिचकारी बिक रही है। कीमत पूरे 100 रूपये। वैसे मोल भाव की गुंजाइश भी है। आप चाहें तो 80 में भी खरीद सकते हैं, पर खरीदार नहीं मिल रहे। बाजार में रवीश ब्रांड की पिचकारी की टक्कर मोदी, शाह या फिर सुधीर चौधरी, अर्णव और दीपक से नहीं बल्कि बच्चों के चहेता कार्टून किरदार मोटू-पतलु की पिचकारी के साथ है। रवीश कुमार की पिचकारी पर उनकी बड़ी सी रंगीन तस्वीर लगी है। नीचे किसी महिला एंकर की तस्वीर भी लगी है।

डिजाइन बेहतर पर डिमांड नहीं

होली को लेकर ग्राहकों की निगाह रंग और पिचकारी पर तो खूब पड़ रही है, लेकिन दुकानदारों की मानें तो रवीश ब्रांड पिचकारी का कोई खरीदार नहीं है। बुद्धमूर्ति के पास पिचाकारी बेच रहे दुकानदार ने बताया कि रवीश ब्रांड की सेल न के बराबर है।
खिलौना व्यापरियों ने यह सोचा होगा कि जब रेमॉन पुरस्कार विजेता रवीश कुमार को पिचकारी में ढ़ालकर बाजारों में उतारा जाएगा, तो उनके सामानों की बिक्री में खूब रंग जमेगी।लेकिन पूंजी फंसाकर अपने दुकान पर दिग्गज पत्रकार के पिचकारी बेचने वाले दुकानदार निराश हैं।

कभी लालू डॉल पर रवीश ने किया था स्पेशल शो

रवीश कुमार ने कभी राजनेता और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के लालू डॉल के बाजार में आने पर स्पेशल शो किया था। और डॉल के बाजार में बिकने के कारण भी बताए थे। उस वक्त रवीश ने शायद यह सोचा भी नहीं होगा कि इसी पटना में उनके ब्रांड की पिचकारी भी होली के बाजार में बिकेगी।

कभी लालू डॉल की खूब होती थी बिक्री

आपको बता दें कि इससे पहले भी कई बड़े हस्तियों के खिलौने बाजार में उतारे गये हैं। जिनमें सबसे अहम रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, व तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव। लालू प्रसाद को खिलौने में ढ़ालने का मकसद उनका सफेद बाल और चुटीला अंदाज था। हांलाकि जिस समय खिलौना बनकर लालू बाजार में उतरे थे, उनकी खूब बिक्री हुई थी। कई बार लालूजी का खिलौना आउट ऑफ स्टॉक भी हो गया था। इसके बाद बड़े हस्तियों के खिलौने को बाजार में उतारने का सिलसिला शुरू हो गया।

मोदी का पतंग

अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीरों वाला पतंग बाजार में आया था। मकर संक्रांति के अवसर पर मोदी पतंग हवाओं में तैरते हुए आसमान से बातें कर रहा था। बच्चों को मोदी पतंग खूब भाया, इसलिए इसकी बिक्री भी खूब हुई थी। पर रवीश कुमार की तस्वीर और एनडीवी के ‘लोगो’ वाली पिचकारी का भाव बाजार में चढ़ता नहीं दिख रहा है।

मोटू पतलू दे रहे रवीश ब्रांड को मात

भले हीं रवीश कुमार टीवी स्क्रीन के हीरो हों, पर बाजार में उनकी तस्वीरों वाली पिचकारी को मोटू-पतलू ने हीं मात दे दिया है। इस पिचकारी पर निर्माता कंपनी नाम और पता साथ हीं निर्माण भी अंकित नहीं है। इससे यह जानकारी नहीं मिल पा रही है कि इस पिचकारी का निर्माण कहां किया गया है। वैसे ज्यादातर पिचकारियां चीन के बाजार में निर्मित की जाती हैं। पर रवीश ब्रांड की यह पिचकारी चाइना से आयी है या फिर ‘मेक इन इंडिया’ है इसका ठीक-ठीक पता नहीं चल पाया है। खबर लिखते वक्त हमने रवीश कुमार से भी इस बारे में जानकारी के लिए संपर्क करने की कोशिश की पर उनसे संपर्क नहीं हो पाया। क्या पता प्राइम और उनकी तस्वीर चस्पा इस पिचकारी पर रवीश कोई स्पेशल प्राइम टाइम शो कर डालें। गौर करने वाली बात यह भी है कि रवीश ब्रांड की इस पिचकारी में कलर थीम भी लाल रखा गया है, इसमें कहीं भी भगवा का प्रयोग नहीं किया गया। पिछली होली में रवीश ब्रांड की जगह मोदी ब्रांड की पिचकारी बिक रही थी और उसकी डिमांड भी खूब थी।
इस बार मोदी ब्रांड पिचकारी बाजार से गायब है और उसकी जगह प्राइम के रवीश कुमार के रवीश कुमार की पिचकारी बाजार में है। कहीं-कहीं सलमान खान की तस्वीर लगी पिचकारी भी पटना के बाजारों में उपलब्ध है।

(पटना से अविनाश के साथ विवेक चंद्र की रिपोर्ट)