कोरोना संकट में ऑड-ईवन फर्मूला पर हफ्ते में 3 दिन बच्चे आएंगे स्कूल, दो शिफ्टों में लगेंगी कक्षाएं

देश में कोरोना महामारी के बीच अब स्कूलों को दोबारा खोलने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है. इसे लेकर एनसीईआरटी ने अपनी गाइडलाइंस का ड्राफ्ट सरकार को सौंप दिया है.ड्राफ्ट में कहा गया है कि स्कूल खुलने के बाद रोल नंबर के आधार पर ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू किया जाएगा या फिर दो शिफ्टों में कक्षाएं लगेंगी. यहां तक कि बच्चों के स्कूल पहुंचने के समय में भी कक्षाओं के हिसाब से 10-10 मिनट का अंतराल होगा. ड्राफ्ट में ये सिफारिश भी की गई है कि सोशल डिस्टेंसिंग के लिहाज से कक्षाएं खुले मैदान में लगाना बेहतर होगा. आइए जानते हैं ड्राफ्ट में की गईं मुख्य सिफारिशें.

छह चरणों में शुरू होगी पढ़ाई

  • 1. पहले चरण में 11वीं और 12वीं की कक्षाएं शुरू की जाएंगी.
  • 2. इसके एक हफ्ते बाद नौवीं और दसवीं की पढ़ाई शुरू होगी.
  • 3. तीसरे चरण में दो हफ्ते बाद छठी से लेकर आठवीं तक की कक्षाएं शुरू होंगी.
  • 4. इसके तीन हफ्ते बाद तीसरी से लेकर पांचवीं तक की पढ़ाई होने लगेंगी.
  • 5. पांचवां चरण पहली और दूसरी कक्षाओं की शुरुआत का होगा.
  • 6. छठे चरण में पांच हफ्ते बाद अभिभावकों की मंजूरी के साथ नर्सरी व केजी की कक्षाएं शुरू होंगी. हालांकि कंटेनमेंट जोन के स्कूल ग्रीन जोन बनने तक बंद ही रहेंगे.

स्कूल में अपनाना होगा नियम

  • क्लास में स्टूडेंट्स के बीच 6 फीट की दूरी जरूरी होगी. एक कमरे में 30 या 35 बच्चे होंगे.
  • – क्लासरूम के दरवाजे-खिड़कियां खुली रहेंगी और एसी नहीं चलाए जा सकेंगे.
  • – बच्चे ऑड-ईवन के आधार पर बुलाए जाएंगे, लेकिन होम असाइनमेंट प्रतिदिन देना होगा.
  • – बच्चे सीट न बदलें, इसके लिए डेस्क पर नाम लिखा होगा. रोज वहीं बैठना होगा.
  • – कक्षाएं शुरू होने के बाद हर 15 दिन में बच्चे की प्रोग्रेस को लेकर पेरेंट्स से बात करनी होगी.
  • – कमरे रोजाना सैनिटाइज हों, ये सुनिश्चित करना प्रबंधन का काम होगा. मॉर्निंग असेंबली और एनुअल फंक्शन जैसा कोई आयोजन नहीं होगा.
  • – स्कूल में प्रवेश से पहले छात्रों और स्टाफ की स्क्रीनिंग होगी. स्कूल के बाहर खाने-पीने के स्टॉल नहीं लगाए जाएंगे.
  • – बच्चों के लिए कॉपी, पेन, पेंसिल या खाना शेयर करने की मनाही होगी. बच्चों को अपना पानी साथ लाना होगा.
  • – हर बच्चे के लिए मास्क पहनना जरूरी होगी. स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल न रखने पर बच्चे के पेरेंट्स को सूचित किया जाएगा.