अलगाववादी नेता सैयद अली शाह ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से दिया इस्तीफा, कई महीनों से घर में नजरबंद हैं गिलानी

जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से इस्तीफे की घोषणा की. गिलानी ने जारी ऑडियो संदेश में इसका ऐलान किया. सैयद अली शाह गिलानी ने कहा, “वर्तमान स्थिति को देखते हुए, मैं ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से इस्तीफा देता हूं. मैंने हुर्रियत के सभी घटकों को फैसले के बारे में सूचित कर दिया है.“

गिलानी की हालत नाजुक बतायी जा रही है

अपने ऑडियो संदेश में कहा है कि मौजूदा हालात में मैं आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस से इस्तीफा देता हूं. मैने हुर्रियत के सभी घटक दलों को भी अपने फैसले से अवगत करा दिया है. 90 साल के सैयद अली शाह गिलानी कई महीनों से घर में नजरबंद हैं और पिछले कुछ महीनों से उनकी तबीयत बहुत नाजुक बताई जा रही है. जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद घाटी में लगातार बदल रहे राजनीतिक हालात के बीच यह अलगाववादी धड़े की सियासत का यह सबसे बड़ा घटनाक्रम है.

कौन हैं गिलानी ?

गिलानी को देश भर में पाकिस्तानपरस्त अलगाववादी नेता के तौर पर जाना जाता है। दरअसल कई बार कश्मीर में अशांति फैलाने और व्यवस्था में अवरोध पैदा करने के आरोप में वह जेल की हवा खा चुके हैं। 1989 में कश्मीर में आपातकाल के शुरुआती दौर में ही उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से वो अलगाववादी नेता के तौर पर उभरे।

अब तक गिलानी कई बार जेल जा चुके हैं गिलानी

1962 में गिलानी पहली बार 13 महीने के लिए हवालात गए थे। इसी दौरान उनके पिता की मौत हो गई थी और वो घर भी नहीं जा पाए थे। इसके बाद से अब तक गिलानी कई बार जेल जा चुके हैं। 2010 में उनपर देशद्रोह का मुकदमा भी लग चुका है। वो पाकिस्तान से अवैध फंडिंग के सिलसिले में नेशनल इंटेलिजेंस एजेंसी (एनआईए) की जांच के दायरे में भी रहे हैं।