देश में जून तक कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में आई थोड़ी कमी, खाद्य पदार्थो की कीमत घटने की बताई गई वजह

देश में कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक क्रमशः 1-1 अंक घटकर क्रमशः 1018 और 1024 के स्‍तर पर पहुंच गया। कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के सामान्य सूचकांक में हुई कमी में मुख्‍य योगदान खाद्य पदार्थों का रहा, जो क्रमशः (-) 1.82 अंकों और (-) 1.58 अंकों का रहा। मुख्यतः यह कमी चावल, अरहर दाल, मसूर दाल, मूंगफली के तेल, बकरे के मांस, पोल्ट्री, सब्जियों और फलों, इत्‍यादि की कीमतें घटने की वजह से हुई।

सूचकांक में वृद्धि और गिरावट हर राज्‍य में अलग

सूचकांक में वृद्धि और गिरावट हर राज्‍य में भिन्‍न रही। कृषि श्रमिकों के मामले में सूचकांक ने 9 राज्यों में 1 से 7 अंकों तक की वृद्धि दशाई, जबकि इसने 9 राज्यों में 1 से 9 अंकों तक की कमी दर्ज की। वहीं, यह सूचकांक दो राज्यों- राजस्थान तथा मणिपुर स्थिर रहा। तमिलनाडु राज्य 1214 अंकों के साथ सूचकांक तालिका में सबसे ऊपर रहा, जबकि हिमाचल प्रदेश 784 अंकों के साथ इस तालिका में सबसे नीचे रहा। ग्रामीण श्रमिकों के मामले में सूचकांक ने 9 राज्यों में 1 से 8 अंकों तक की वृद्धि दर्शाई, जबकि इसने 10 राज्यों में 2 से 20 अंकों तक की कमी दर्ज की। तमिलनाडु राज्य 1199 अंकों के साथ सूचकांक तालिका में सबसे ऊपर रहा, जबकि हिमाचल प्रदेश 82 अंकों के साथ इस तालिका में सबसे नीचे रहा।

सर्वाधिक वृद्धि ओडिशा राज्य में दर्ज

कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में सर्वाधिक वृद्धि ओडिशा राज्य (क्रमशः 7 अंक और 8 अंक) में दर्ज की गई। इतनी वृद्धि मुख्यतः बकरे के मांस, मछली ताजी और सूखी, सब्जी, फल, साड़ी कॉटन आदि की कीमतें बढ़ने के कारण दर्ज की गई। इसके विपरीत, कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में सर्वाधिक कमी जम्मू-कश्मीर राज्य में दर्ज की गई। इस हद तक कमी का मुख्य कारण फलों और सब्जियों, इत्‍यादि की कीमतें घटना रहा।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-कृषि श्रमिक और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-ग्रामीण श्रमिक पर आधारित बिंदु दर बिंदु मुद्रास्फीति दर मई 2020 के क्रमशः 8.40 फीसदी और 8.12 फीसदी से घटकर जून 2020 में क्रमशः 7.16 फीसदी और 7.00 फीसदी रह गई।