संजय राउत ने सुशांत के परिवार से माफी मांगने से किया इनकार, तो एनसीपी नेता मेमन ने कहा-मौत के बाद मोदी-ट्रंप से भी ज्यादा लोकप्रिय हो गए सुशांत

फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर अब राजनीतिक शुरू हो गई है. मौत पर राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप के बीच अब सुशांत सिंह और उनके परिजनों पर व्यक्तिगत हमले होने लगे. अब सुशांत सिंह राजपूत के चचेरे भाई नीरज कुमार ने सजयं राउत पर मानहानी का नोटिस भेजा है. वहीं उनके बयान के बाद भी शिवसेना नेता संजय राउत ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के परिवार से माफी मांगने से इनकार कर दिया है। राउत ने कहा है कि उन्हें जब लगेगा कि माफी मांगनी चाहिए, तो वह इस पर विचार करेंगे। बता दें कि, संजय राउत द्वारा सुशांत के पिता के के सिंह को लेकर दिए गए विवादित बयान पर अभिनेता के चचेरे भाई नीरज सिंह बबलू ने कानूनी नोटिस भेजा है।

सुशांत सिंह के पिता पर दिया था विवादित बयान

संजय राउत ने सुशांत के पिता के के सिंह को लेकर विवादित बयान दिया था। राउत ने कहा था कि सुशांत के पिता ने दूसरी शादी की थी और इसी वजह से सुशांत पिता से नाराज रहते थे। नीरज बबलू ने पहले ही कहा था कि संजय राउत आधारहीन बयान दे रहे हैं। इस मामले में अगर राउत खेद नहीं जताते हैं तो उनका परिवार कानूनी लड़ाई लड़ेगा। लेकिन राउत की तरफ से सफाई नहीं आने के बाद नीरज सिंह बबलू की ओर से राउत को कानूनी नोटिस भेजा गया। इसमें उन्हें 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया। नोटिस में कहा गया कि राउत अपने बयान को लेकर अगर खेद नहीं जताते हैं तो इस मामले में उनके खिलाफ मुकदमा किया जाएगा।

पीएम या अमेरिका के राष्ट्रपति से भी अधिक प्रसिद्ध हुए सुशांत

वहीं महाराष्ट्र सरकार में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता माजिद मेमन ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले पर कहा है कि वह अपने जीवनकाल के दौरान उतने प्रसिद्ध नहीं थे, जितना कि वह मरने के बाद हो गए हैं। मेमन ने मीडिया में अभिनेता की मौत पर उठाए जा रहे मुद्दों को लेकर सवाल खड़ा किया है। एनसीपी नेता ने ट्वीट कर कहा, ’सुशांत अपने जीवनकाल के दौरान उतने प्रसिद्ध नहीं थे जितना कि वह मौत के बाद हो गए। मीडिया में वह स्थान जिस पर आजकल वह काबिज हैं, हमारे पीएम या अमेरिका के राष्ट्रपति से कहीं अधिक है!’

उन्होंने कहा, ’जब कोई अपराध जांच चरण में होता है, तो गोपनीयता को बनाए रखना पड़ता है। महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्र करने की प्रक्रिया में उठाए जा रहे हर कदम को सार्वजनिक करना सच्चाई और न्याय के हित पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।’