सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबड़े के खिलाफ ट्वीट्स को लेकर प्रशांत भूषण अवमानना केस में आज सुनवाई हुई. एक ओर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और प्रशांत भूषण के वकील राजीव धवन ने सजा नहीं देने की मांग की. वहीं इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रशांत भूषण का ट्वीट अनुचित था. सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
कोर्ट ने प्रशांत भूषण को दिया 30 मिनट का समय
सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण के 2020 आपराधिक अवमानना मामले पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। इससे पहले सुनवाई के दौरान अदालत ने न्यायपालिका के खिलाफ ट्वीट पर खेद व्यक्त नहीं करने के अपने रुख पर ’विचार करने’ के लिए कार्यकर्ता-वकील भूषण को 30 मिनट का समय दिया। इसके बाद अदालत ने भूषण के वकील से उनके मुवक्किल को क्या सजा दी जानी चाहिए इसपर विचार मांगे तो उन्होंने कहा कि उन्हें कोई सजा नहीं दी जानी चाहिए।
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