पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर दोनों पक्षों के बीच ताजा टकराव से उत्पन्न तनाव को कम करने की कोशिश की जा रही है। भारत और चीन के बीच एक और दौर की सैन्य वार्ता की. सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ब्रिगेड कमांडर-स्तरीय वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय क्षेत्र में चुशूल में सुबह 10 बजे शुरू हुई. बैठक अभी चल रही है. बैठक का विशिष्ट एजेंडा पैंगोंग झील के आसपास की स्थिति पर चर्चा है.
सीमा विवाद को हल करने के लिए बातचीत जारी
सेना ने कहा कि चीनी सेना ने 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात पूर्वी लद्दाख में उकसावे की कार्रवाई करते हुए पैंगोंग झील के दक्षिण में एकतरफा तरीके से यथास्थिति बदलने की कोशिश की. लेकिन भारतीय सैनिकों ने उसे नाकाम कर दिया. सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों ने सोमवार को करीब छह घंटे तक बातचीत की, लेकिन उसका कोई ठोस नतीजा नहीं निकला. उन्होंने कहा कि कि क्षेत्र पर कब्जा करने के प्रयास के तहत बड़ी संख्या में चीनी सैनिक पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे की ओर बढ़ रहे थे. करीब साढ़े तीन महीने से चल रहे सीमा विवाद को हल करने के लिए दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी है. चीन की कोशिश के बाद भारतीय सेना ने झील के आसपास कई सामरिक स्थानों पर अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है. इसके अलावा क्षेत्र में भी अपनी उपस्थिति को और अधिक बढ़ा दिया है.
पूर्वी लद्दाख की समग्र स्थिति की समीक्षा
समझा जाता है कि थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने सेना मुख्यालय में एक उच्च-स्तरीय बैठक में पूर्वी लद्दाख की समग्र स्थिति की समीक्षा की. सूत्रों ने कहा कि वायु सेना को पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास चीन की बढ़ती हवाई गतिविधियों की निगरानी बढ़ाने के लिए भी कहा गया है.
कई चोटियों पर भारतीय सेना के जवान तैनात
चीनी सेना की घुसपैठ के दो दिन बाद लद्दाख सीमा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। सेना के सूत्रों के मुताबिक, पेंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे को भारत ने अपने अधिकार में ले लिया है। यहां की कई चोटियों पर भारतीय सेना के जवान तैनात हैं। सूत्रों ने बताया कि सेना ने मुश्किल माने जाने वाले स्पांगुर गैप, स्पांगुर झील और इसके किनारे चीन द्वारा बनाई गई सड़क पर भी अपना कैंप स्थापित कर लिया है।
ऊंचाई वाले इलाके पर अधिकार करने में कामयाब
पेंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे के पास स्थित ऊंचाई वाले स्थानों पर चीनी सेना ने कैमरा और निगरानी उपकरण लगाए हुए थे, लेकिन फिर भी भारत के शूरवीर जवानों ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों से पहले इलाके को अपने अधिकार में कर लिया। सूत्रों ने बताया, चीनी सेना ने ऊंचाई पर भारतीय गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उन्नत कैमरे और निगरानी उपकरण तैनात किए, लेकिन इसके बावजूद भारतीय सेना वहां ऊंचाई वाले इलाके को अपने अधिकार में करने में कामयाब हुई।
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