देश में मोदी सरकार की विभिन्न नीतियों के खिलाफ 10 ट्रेड यूनियनों की ओर से बुलाई गई देशव्यापी हड़ताल ‘भारत बंद’ में 25 करोड़ मजदूर भाग ले रहे हैं। इस हड़ताल में कई परिवहन यूनियन और बैंक यूनियन भाग ले रहे हैं।हड़ताल से देशभर में यात्रियों और बैंक ग्राहकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं वाम दलों के प्रभाव वाले राज्य केरल व बंगाल में ज्यादा असर देखने का मिल रहा है। उधर यूपी सरकार ने पूरे प्रदेश में हड़ताल पर रोक लगा दी है और एस्मा लागू कर दिया है.
आरजेडी के साथ भाकपा माले ने किया बंद का समर्थन
बिहार में ट्रेड यूनियन की हड़ताल को विपक्षी दलों ने अपना समर्थन दिया है. आरजेडी कार्यकर्ता भी सुबह से कई जगहों पर सड़क पर उतरकर बंद को सफल बना रहे हैं. आरजेडी के साथ भाकपा माले ने भी बंद का समर्थन किया है और उनके कार्यकर्ता भी ट्रेड यूनियन के साथ मिलकर बंद करा रहे
बैंक बंद होने से 4 लाख करोड़ का कारोबार प्रभावित
यूनियंस का दावा है कि आज की हड़ताल में तकरीबन 26 करोड़ वर्कर काम नहीं करेंगे जिसकी वजह से लगभग हर क्षेत्र में कामकाज प्रभावित होगा. हड़ताल में बैंक भी शामिल हैं. राज्य के अंदर बैंकों की कुल 6088 शाखाएं बंद होने की वजह से 4 लाख करोड का कारोबार प्रभावित होने की आशंका है.
बैंक के निजीकरण, मजदूरों के खिलाफ कानून बनाने का विरोध
वहीं बंद को लेकर ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट डॉ कुमार अरविंद ने बताया कि देशभर के नौ सेंट्रल ट्रेंड यूनियन की तरफ से बुलाये गए हड़ताल में उनका संगठन शामिल है. देशभर के अलग-अलग सेक्टर के कुल करीब 26 करोड़ कामगार हड़ताल पर हैं. राज्य में बैंक के यूनियन में मुख्य रूप से ऑल इंडिया बैंक, ऑफिसर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन और बेफी से जुड़े बैंककर्मी शामिल रहेंगे. सभी यूनियन हड़ताल में मुख्य रूप से बैंक के निजीकरण न होने, मजदूरों के खिलाफ कानून न बनाने पर रोक लगाने, कृषि बिल में सुधार और बेरोजगारी भत्ता देने समेत अन्य मांगों पर आवाज बुलंद करेंगे
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