किसानों के साथ बातचीत से पहले जेपी नड्डा के घर बैठक, राजनाथ सिंह की अगुवाई में किसान संगठनों से होगी वार्ता, दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का हंगामा

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन लगातार छठे दिन भी जारी है. दिल्ली के बोर्डर पर किसान संगठनों ने डेरा जमाया हुआ है. किसानों के प्रदर्शन के बीच आज दोपहर तीन बजे विज्ञान भवन में किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत होनी है. इस बातचीत की अगुवाई कर रहे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सरकार का पक्ष रखेंगे और किसानों को मनाने की कोशिश करेंगे.

नड्डा के घर बैठक में अमित शाह, नरेंद्र सिंह शामिल

किसानों से होने वाली बातचीत में राजनाथ सिंह केंद्र सरकार की अगुवाई करेंगे। इससे पहले वे भी नड्डा के घर पर होने वाली बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे. किसानों से बातचीत से पहले गृहमंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी जेपी नड्डा के आवास पर बैठक के लिए पहुंचे।

किसान संगठनों से आज दोपहर तीन बजे केंद्र सरकार बात करेगी। सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अगुवाई करेंगे। इस दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समेत अन्य कुछ मंत्री भी उनके साथ रह सकते हैं। इनके अलावा कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी कानून पर विस्तार से बात करने के लिए मौजूद रहेंगे।

कुल 32 संगठनों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया

कृषि मंत्रालय द्वारा कुल 32 संगठनों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है. हालांकि, कुछ नेताओं ने आपत्ति जताई है कि देश में 500 के करीब किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन चिन्हित को बुलाया गया है ऐसे में सभी को बुलाना जरूरी है.

दिल्ली जाने के रास्ते पूरी तरह बंद

केंद्र सरकार के बनाए नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान किसी भी हाल में झुकने को तैयार नहीं हैं। पहले उन्होंने प्रदर्शन स्थल बदलकर केंद्र द्वारा बातचीत किए जाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया और अब सरकार के प्रस्ताव पर नया प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है। किसानों के प्रदर्शन के कारण दिल्ली जाने के रास्ते पूरी तरह बंद हो गए हैं।

किसान का अधिकार दीजिए

राहुल गांधी ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि अन्नदाता सड़कों-मैदानों में धरना दे रहे हैं और ‘झूठ’ टीवी पर भाषण! किसान की मेहनत का हम सब पर कर्ज है। ये कर्ज उन्हें न्याय और हक देकर ही उतरेगा, न कि उन्हें दुत्कार कर, लाठियां मारकर और आंसू गैस चलाकर। जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए।