बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार गठबंधन और राजनीतिक समीकरण बदला तो नेता अपना क्षेत्र भी बदलने को मजूबर हो रहे हैं. लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ मंत्री तेज प्रताप यादव की है, जिन्होंने इस बार के चुनाव में अपनी पुरानी महुआ सीट छोड़कर समस्तीपुर की हसनपुर सीट को चुना है.
नामांकन के दौरान तेजस्वी भी रहे मौजूद
तेज प्रताप यादव के नामांकन के साथ ही राजद के मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव अपने चुनाव प्रचार का शंखनाद भी भाई के विधान सभा क्षेत्र से ही कर रहे है. यहां से रैली करके तेजस्वी यादव अपने बड़े भाई के पक्ष में माहौल बनाने से लेकर बिहार को राजनीतिक संदेश भी देना चाहते हैं. समस्तीपुर के हसनपुर विधानसभा से तेजप्रताप यादव ने नामांकन दाखिल किया. इनके साथ नेता प्रतिपक्ष और उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे.
नीतीश कुमार को सबक सिखाएगी जनता
इस दौरान तेजस्वी ने कहा कि इस बार महागठबंधन की सरकार बनना तय है. बिहार के तमाम बेरोजगार युवाओं, दलित, गरीब, गुरबों ने इसके लिए कमर कस ली है और इस बार बिहार की जनता नीतीश कुमार को सबक सिखाएगी.
तेजस्वी को चुनावी सभा करने की अनुमति नहीं
समस्तीपुर प्रशासन ने तेजस्वी को चुनावी सभा करने की अनुमति नहीं दी. अनुमति नहीं मिलने के बाद अब तेजस्वी यादव बैरंग बिना सभा किए ही पटना लौट आएंगे. गौरतलब है कि आज ऐसी खबरें थी कि तेजस्वी यादव तेजप्रताप यादव के नामांकन में शामिल होने के बाद चुनावी सभा को संबोधित करेंगे इसकी तैयारी भी अंदर ही अंदर चल रही थी लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी .
1967 से यादव समाज का ही रहा दबदबा
हसनपुर सीट यादव बाहुल्य सीट माना जाती है और कुशवाहा वोटर भी अच्छी खासी संख्या में हैं. हसनपुर सीट का इतिहास देखें तो इस सीट पर 1967 के बाद से हमेशा यादव समाज का ही झंडा बुलंद रहा है. यादव समाज से आने वाले गजेंद्र प्रसाद हिमांशु ने इस सीट को 8 बार जीतकर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है. हिमांशु स्थानीय होने के साथ-साथ समाजवादी धारा के प्रतिबद्ध नेता रहे हैं. हसनपुर सीट पर वोटरों की कुल संख्या 2 लाख 40 हजार 948 है, जिसमें यादव मतदाताओं की संख्या ज्यादा है.
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