
बिहार के पूर्णिया में पटना और भोपाल की एसटीएफ टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जो मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलाने के नाम पर ठगी करते थे।
बताया जा रहा है कि पूर्णिया के भट्ठा बाजार स्थित एक निजी होटल में छापेमारी कर इन दोनों ठगों को पुलिस ने अरेस्ट किया है। पकड़े गए अपराधियों की पहचान पटना सिटी के जलालपुर के रहने वाले संदीप कुमार करवारिया और मधुबनी के नवरतन कालोनी में रहने वाले दीपक कुमार सिंह के रूप में की गई है। पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक दयाशंकर ने बताया कि दोनों ठगों को पूर्णिया सीजेएम कोर्ट में पेश करने के बाद भोपाल एसटीएफ की टीम अपने साथ पांच दिन के ट्रांजिट रिमांड पर लेकर भोपाल चली गई है।
- इस दिन बिहार के दौरे पर आएंगे BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, देंगे कई बड़े सौगात
- दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश, कई इलाकों में जलभराव;
- Kolkata Doctor Murder:आरजी कर कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल से सीबीआई ने आज फिर की पूछताछ, पुलिस ने दर्ज की FIR
- डॉक्टर दुष्कर्म-हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त,मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल-पुलिस जांच पर उठाए सवाल, CBI को दिया ये निर्देश
- कोलकाता डॉक्टर हत्या को लेकर पटना के चार बड़े अस्पतालों में OPD सेवाएं ठप, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने दे दिया ये बड़ा निर्देश
भोपाल एसटीएफ टीम रीवा जिला के मऊगंज निवासी विवेक कुमार मिश्र की शिकायत पर यह कार्रवाई की है। विवेक मिश्र ने एसपी से शिकायत की थी कि गांधी मेडिकल कालेज भोपाल एवं लोकमान्य मेडिकल कालेज साइन बाम्बे में बेटे प्रतीक को प्रवेश दिलाने के नाम पर संदीप करवारिया, देवराज मिश्र, चौहान, पोंटिल, राकेश वर्मा पर 36 लाख रुपये की ठगी का आरोप लगाया गया था।
इसमें विवेक कुमार मिश्र ने तीन किस्त में 34 लाख दिल्ली आकर देवराज मिश्र, संदीप करवारिया और चौहान को दिए थे। पहली किस्त में 12 लाख दूसरी किस्त में 15 लाख और तीसरी किस्त में सात लाख रुपये दिए थे। मोबाइल पर प्रवेश का मैसेज भेजा था शिकायत में बताया गया था कि 34 लाख देने के बाद इन लोगों के द्वारा प्रतीक मिश्र का प्रवेश हो जाने का मोबाइल पर मैसेज भी भेजा था।
उसके बाद बाकी के दो लाख रुपये भी इन लोगों द्वारा ले लिए गए। बाद में जब इस बारे में गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल और लोकमान्य मेडिकल कॉलेज साइन बॉम्बे में प्रवेश होने की जानकारी ली तो पता चला कि प्रवेश हुआ ही नहीं। इसके बाद विवेक कुमार मिश्र ने रीवा पुलिस अधीक्षक को शिकायत की। रीवा पुलिस अधीक्षक ने मामले को भोपाल एसटीएफ के पास भेज दिया था।
You must be logged in to post a comment.