मध्यप्रदेश से आई हैरान कर देने वाली घटना, मंदिर से चोरी हुई शनि भगवान की मूर्ति शिकायत पर पुलिस लेकर पहुंच गई यमराज की मूर्ति….

मध्य प्रदेश के भिंड से हाल ही में एक एक मंदिर से शनि देव की मूर्ति चोरी होने की घटना सामने आई थी। जिसके बाद मंदिर के पुजारी और अन्य लोगों ने मंदिर से मूर्ति की चोरी को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाया था। फिर जब पुलिस एक मूर्ति लेकर मंदिर आई तो पुजारी ने कहा कि यह चोरी हुई मूर्ति नहीं है। इसलिए इसे मंदिर में स्थापित नहीं किया जाएगा। वहीं, लोगों ने भी कहा कि यह मूर्ति शनि देव की नहीं, बल्कि यमराज की है। मध्य प्रदेश की भिंड पुलिस अपनी एक कार्रवाई को लेकर जनता के बीच हंसी का पात्र बन गई है। मामला लहार के एक मंदिर से चोरी हुई शनिदेव की मूर्ति से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। यहां नवग्रह मंदिर से शनिदेव की मूर्ति चोरी हो गई थी। लेकिन पुलिस जिस मूर्ति को बरामद करके मंदिर लाई वह मूर्ति शनि देव की नही बल्कि यमराज की निकली। दरअसल, 21 जनवरी को लहार के भाटन ताल के पास स्थित नवग्रह मंदिर से अज्ञात चोरो ने शनिदेव की मूर्ति को चोरी कर लिया था। चोरी की जानकारी जैसे ही इलाके के लोगों को लगी तो इलाके लोग काफी गुस्साए नजर आए। पुलिस ने मंदिर के पुजारी की शिकायत पर चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया और अज्ञात चोरों की तलाश शुरू कर दी।

जिसके बाद लहार एसडीओपी अवनीश बंसल एक मूर्ति को लेकर नवग्रह मंदिर पर पहुंचे। अवनी बंसल ने बताया कि रौन थाना इलाके के मणि जेतपुरा गांव के पास खेत से यह मूर्ति मिली है। उन्होंने बताया कि यह वही मूर्ति है जो चोरी गई थी। लेकिन जब मंदिर के पुजारी ने मूर्ति देखी तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया कि यह शनिदेव की मूर्ति नहीं है। जब दूसरे लोगों ने भी मूर्ति को देखा तो उन्होंने भी इस मूर्ति को इस मंदिर का होने से साफ इंकार कर दिया। जिस मूर्ति को शनिदेव की मूर्ति बताकर पुलिस बरामद करके लाई थी वह मूर्ति असल में यमराज की निकली। मंदिर के पुजारी और श्रद्धालु पुलिस द्वारा लाई गई यमराज की मूर्ति को मंदिर में स्थापित करने के लिए तैयार नहीं हैं। पुजारी का कहना है कि मंदिर से जो मूर्ति चोरी हुई है वह शनिदेव की है। लेकिन पुलिस जो मूर्ति लाई है वह शनिदेव की नहीं है। असली मूर्ति जब बरामद होगी, उसे ही मंदिर में स्थापित किया जाएगा। वहीं, जिन श्रद्धालुओं ने यहां पूजा की है उनका साफ तौर पर कहना है कि यह मूर्ति शनिदेव की नहीं बल्कि यमराज की है। अब जब पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे तो पुलिस भी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रही है। इस तरह के घटनाओं के कारण समाज के लोगों का प्रशासन से विश्वास उठने लगता है। इसलिए पुलिस को चाहिए कि इस मामले में जल्द से जल्द आरोपी तक पहुंचे और मंदिर की वास्तविक मूर्ति की खोज कर उसे मंदिर में पुनः स्थापित करे। जिससे प्रशासन पर लोगो का विश्वास बना रहे।