सरकारी विद्यालयों के शिक्षा व्यवस्था पर फिर उठा प्रश्न, गांववालो ने कहा जब टीचर मोबाइल में रहेंगे व्यस्त, तो कैसे पढ़ेंगे बच्चे???

सरकार हर बार नई योजनाएं लाती है देश में सरकारी स्कूलों के बेहतरी के लिए समय समय पर उचित कार्य भी करती नजर आती है। परंतु सरकार के लाख प्रयत्न के बाद भी सरकारी स्कूल की शिक्षा प्रश्नों के कठघरे में खडी नजर आती है। ऐसा ही कुछ मामला सामने आया है राजसमंद जिले की पिपरड़ा ग्राम पंचायत के राजकीय हायर सेकंडरी स्कूल से।जहां के विद्यालय के छात्रों का रिजल्ट मात्र 19 प्रतिशत रहा। यानी 47 में से मात्र 9 बच्चे ही पास हुए। इससे ग्रामीणों में गुस्सा है और उन्होंने स्कूल पर ताला जड़ दिया है। गांव के लोग स्कूल के पूरे स्टाफ को ही बदलने की मांग कर रहे हैं।

पीपरड़ा गांव की सरपंच सीता बाई व उनके पति गणेशलाल ने मीडिया को बताया कि स्कूल में लंबे समय से गणित विषय का अध्यापक ही नहीं है। इस कारण 19 विद्यार्थी पूरक तथा शेष सभी बच्चे गणित विषय में फेल हो गए। इससे नाराज होकर गांव वालों ने शुक्रवार को पहले दिन स्कूल के मेनगेट पर ताला लगा दिया और स्टाफ बदलने की मांग रखी। सूचना मिलने के बाद राजसमंद सीबीईओ नरोत्तम दाधीच मौके पर पहुंचे। जहां ग्रामीणों को समझाया और काफी कोशिशों के बाद स्कूल का ताला खुलवाया जा सका।


सीबीईओ से बातचीत करने के दौरान गांव वालों ने बताया कि लंबे समय से स्कूल में गणित विषय के अध्यापक का पद खाली है। स्कूल में केवल दो ही अध्यापक हैं। शेष सभी अध्यापिकाएं हैं। जो कक्षाओं में लगातार मोबाइल पर व्यस्त रहती हैं। बच्चे भी स्कूल में मोबाइल लेकर आते हैं। जिससे स्कूल में पढ़ाई कम और मोबाइल ज्यादा चलाते हैं।