पटना हाईकोर्ट ने राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा छात्रों को डिग्री देने में हो रहे विलम्ब पर अपनी नाराजगी को व्यक्त किया है। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने विवेक राज की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के सभी संबंधित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को अगली सुनवाई में हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि जो कुलपति हलफनामा दायर नहीं करेंगे, उनपर पांच हज़ार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। यह धनराशि उनके वेतन से काटी जाएगी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शाश्वत ने बताया कि राज्य के विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक सत्र विलम्ब से चल रहे हैं। परीक्षाएं भी निर्धारित समय पर नहीं ली जा रही है। परीक्षाएं लेने और रिजल्ट देने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों को डिग्रियां देने में भी विलम्ब करते हैं। इससे जहां छात्रों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, वहीं उनके भविष्य पर भी असर पड़ रहा है। विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश या नौकरियों में डिग्री मांगी जाती हैं। लेकिन डिग्री नहीं होने के कारण यहां के छात्रों को उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश या नौकरियों से वंचित रह जाना पड़ता है। इसलिए आवश्यक है कि छात्रों को संबंधित विश्वविद्यालय प्रशासन समय पर डिग्री उपलब्ध कराएं। इस मामले पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।
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